"ए. आर. किदवई": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
|||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
|पार्टी= | |पार्टी= | ||
|पद='''राज्यपाल, हरियाणा'''- [[7 जुलाई]] [[2004]] से [[27 जुलाई]] [[2009]] तक<br /> | |पद='''राज्यपाल, हरियाणा'''- [[7 जुलाई]] [[2004]] से [[27 जुलाई]] [[2009]] तक<br /> | ||
'''राज्यपाल, | '''राज्यपाल, राजस्थान'''- [[21 जून]] [[2007]] से [[6 सितम्बर]] [[2007]] तक<br /> | ||
'''राज्यपाल, पश्चिम बंगाल'''- [[27 अप्रॅल]] [[1998]] से [[18 मई]] [[1999]] तक<br /> | '''राज्यपाल, पश्चिम बंगाल'''- [[27 अप्रॅल]] [[1998]] से [[18 मई]] [[1999]] तक<br /> | ||
'''राज्यपाल, बिहार'''- [[20 सितम्बर]] [[1979]] से [[15 मार्च]] [[1985]] | '''राज्यपाल, बिहार'''- [[20 सितम्बर]] [[1979]] से [[15 मार्च]] [[1985]] |
09:07, 4 अगस्त 2021 का अवतरण
ए. आर. किदवई
| |
पूरा नाम | अख्लाक उर रहमान किदवई |
जन्म | 1 जुलाई, 1921 |
जन्म भूमि | बाराबंकी, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 24 अगस्त, 2016 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
अभिभावक | पिता- अशफिकुर रहमान किदवई माता- नसीमुन्निसा |
पति/पत्नी | जमीला किदवई |
नागरिकता | भारतीय |
पद | राज्यपाल, हरियाणा- 7 जुलाई 2004 से 27 जुलाई 2009 तक राज्यपाल, राजस्थान- 21 जून 2007 से 6 सितम्बर 2007 तक |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण (2011) |
संबंधित लेख | राज्यपाल, भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची |
अन्य जानकारी | ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्हें 25 जनवरी, 2011 को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। |
अख्लाक उर रहमान किदवई (अंग्रेज़ी: Akhlaq Ur Rehman Kidwai, जन्म- 1 जुलाई, 1921; मृत्यु- 24 अगस्त, 2016) भारतीय राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल और सांसद थे। उन्हें 'पद्म विभूषण' से नवाजा गया था। उन्होंने विज्ञान और शोध पर 40 किताबें लिखी थीं। शिक्षा जगत और सामाजिक सेवा में ए. आर. किदवई के योगदान के चलते भारत सरकार ने उनको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन और अलीगढ़ विश्वविद्यालय का चांसलर भी बनाया था।
परिचय
ए. आर. किदवई का जन्म 1 जुलाई 1920 में बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के मसौली गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम अशफिकुर रहमान किदवई और माता का नाम नसीमुन्निसा था। इनकी शादी जमीला किदवई से हुई। इनके दो बेटे और चार बेटियां हैं। इनकी शिक्षा दिल्ली के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए ए. आर. किदवई अमेरिका चले गए, जहां इन्होंने एमएससी और पीएचडी की शिक्षा ली।[1]
कॅरियर
अपने कॅरियर की शुरुआत ए. आर. किदवई ने बतौर प्रोफेसर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से की। अपनी प्रतिभा के कारण ये बहुत जल्द हेड ऑफ द डिपार्टमेंट बन गए। बाद में 1983 में वह इसी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर भी बने। अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने यूनिवर्सिटी को बड़े मुकाम पर पहुंचाया।
राज्यपाल
ए. आर. किदवई 1974 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन बने। 1979 में पहली बार बिहार के गवर्नर बने। फिर 1993 में राष्ट्रपति ने इनको दोबारा बिहार का गवर्नर नियुक्त किया। ये 1998 में पश्चिम बंगाल के गवर्नर नियुक्त हुए। साल 2000 में राज्य सभा के सदस्य बनाए गए। यही नहीं ये 2004 में हरियाणा के गवर्नर बने। 2007 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इनको राजस्थान का गवर्नर बना दिया।
पद्म विभूषण
ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्हें 25 जनवरी, 2011 को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। इन्होंने गवर्नर रहते हुए शिक्षा पर बहुत जोर दिया। खासतौर से मदरसों को मॉडर्न शिक्षा की तरफ ले गए। बिहार के वैशाली और नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ाया। साथ ही केंद्र सरकार से हर तरह की वित्तीय मदद करवाई।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व गवर्नर एआर किदवई का निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 03 अगस्त, 2021।