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11:27, 18 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर करना चाहिए।
- इसमें एक वर्ष तक शिव की पूजा करनी चाहिए।
- अन्त में सभी सामग्रियों एवं एक ऊँट का किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।
- इससे राक्षसों एवं रोगों से मुक्ति एवं कामनाओं की पूर्ति होती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 153, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|186|1-3 से उद्धरण)।
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