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*यवनकाल में यहाँ पर जमशेर बेग ने एक मिट्टी का क़िला बनवाया था जिसे फिर से हाथरस के राजा दयाराम सिंह ने अपने अधिकार में कर लिया था। | *यवनकाल में यहाँ पर जमशेर बेग ने एक मिट्टी का क़िला बनवाया था जिसे फिर से हाथरस के राजा दयाराम सिंह ने अपने अधिकार में कर लिया था। | ||
*सन 1857 ई. की क्रान्ति में अँग्रेजों ने तोपों से इसे ध्वस्त कर दिया क्योंकि स्वतन्त्र शासक देवी सिंह की क्रान्तिकारी गतिविधियों का यह प्रमुख स्थान था। | *सन 1857 ई. की क्रान्ति में अँग्रेजों ने तोपों से इसे ध्वस्त कर दिया क्योंकि स्वतन्त्र शासक देवी सिंह की क्रान्तिकारी गतिविधियों का यह प्रमुख स्थान था। |
14:09, 6 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
- यह मथुरा-हाथरस रोड पर मथुरा से 8 मील की दूरी पर एक विकसित एवं व्यापारी क़स्बा है।
- यवनकाल में यहाँ पर जमशेर बेग ने एक मिट्टी का क़िला बनवाया था जिसे फिर से हाथरस के राजा दयाराम सिंह ने अपने अधिकार में कर लिया था।
- सन 1857 ई. की क्रान्ति में अँग्रेजों ने तोपों से इसे ध्वस्त कर दिया क्योंकि स्वतन्त्र शासक देवी सिंह की क्रान्तिकारी गतिविधियों का यह प्रमुख स्थान था।
- बाद में राजा देवी सिंह और अनेक देश भक्तों को फाँसी पर लटका दिया गया।
- राया का पुराना नाम श्यामपुर था।
- मराठा शासन से इसका नाम राया पड़ गया।
- पहले इसके चारों ओर वन था इससे यह भूमि केलवन कहलाती थी।
- वर्तमान बस्ती के पूर्व कलार लोग यहाँ रहते थे।
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