"कनखल तीर्थ मथुरा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।<br /> | स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।<br /> | ||
इस तीर्थ में [[महादेव]]–[[पार्वती देवी|पार्वती]] श्री [[विष्णु|हरि]] की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव [[शंकर]] ने [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से [[ब्रह्मलोक]] प्राप्त होता है । | इस तीर्थ में [[महादेव]]–[[पार्वती देवी|पार्वती]] श्री [[विष्णु|हरि]] की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव [[शंकर]] ने [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से [[ब्रह्मलोक]] प्राप्त होता है । | ||
{{प्रचार}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} |
09:39, 14 जून 2011 का अवतरण
तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।
स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।
इस तीर्थ में महादेव–पार्वती श्री हरि की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव शंकर ने दक्ष प्रजापति के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से ब्रह्मलोक प्राप्त होता है ।