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*रथांगसप्तमी [[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[पंचमी]], [[षष्ठी]], [[सप्तमी]] पर क्रम से एकभक्त, नक्त एवं उपवास रखा जाता है। | *रथांगसप्तमी [[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[पंचमी]], [[षष्ठी]], [[सप्तमी]] पर क्रम से एकभक्त, नक्त एवं उपवास रखा जाता है। | ||
*कुछ लोग [[षष्ठी]] को उपवास एवं [[सप्तमी]] का पारण की व्यवस्था देते हैं, इसे '''महासप्तमी''' भी कहा जाता है। | *कुछ लोग [[षष्ठी]] को उपवास एवं [[सप्तमी]] का पारण की व्यवस्था देते हैं, इसे '''महासप्तमी''' भी कहा जाता है। |
18:39, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- रथांगसप्तमी माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी, षष्ठी, सप्तमी पर क्रम से एकभक्त, नक्त एवं उपवास रखा जाता है।
- कुछ लोग षष्ठी को उपवास एवं सप्तमी का पारण की व्यवस्था देते हैं, इसे महासप्तमी भी कहा जाता है।
- हेमाद्रि व्रत खण्ड [1] एवं भविष्यपुराण [2] ने भी यही नाम दिया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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