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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

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ज्ञान का हिन्दी-महासागर

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भारतकोश कॅलण्डर

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एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल


एक पर्यटन स्थल

डल झील
डल झील

        डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल लक्षद्वीप चंडीगढ़ लाल क़िला


सूक्ति और कहावत
  • महानता अहंकार रहित होती है, तुच्छता अहंकार की सीमा पर पहुँच जाती है। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 969)
  • यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । - श्रीमद्भागवत गीता .... और पढ़ें

भारतकोश हलचल

राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) सुभाष चंद्र बोस जयंती (23 जनवरी) पराक्रम दिवस (23 जनवरी) मणिपुर स्थापना दिवस (21 जनवरी) त्रिपुरा स्थापना दिवस (21 जनवरी) मेघालय स्थापना दिवस (21 जनवरी) गणेश चतुर्थी (17 जनवरी) थल सेना दिवस (15 जनवरी) मकर संक्रांति (14 जनवरी) कुम्भ मेला, प्रथम शाही स्नान (14 जनवरी) लोहड़ी (13 जनवरी) कल्पवास प्रारम्भ, प्रयागराज (13 जनवरी) कुम्भ मेला प्रारम्भ (13 जनवरी) राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह(11-17 जनवरी) (11 जनवरी) प्रदोष व्रत (11 जनवरी) विश्व हिन्दी दिवस (10 जनवरी) पुत्रदा एकादशी(10 जनवरी) प्रवासी भारतीय दिवस (09 जनवरी) गुरु गोविंद सिंह जयंती (06 जनवरी) लुई ब्रेल दिवस (04 जनवरी) नववर्ष (01 जनवरी) सोमवती अमावस्या (30 दिसम्बर) मासिक शिवरात्रि (29 दिसम्बर) सफला एकादशी(26 दिसम्बर) क्रिसमस (25 दिसम्बर) सुशासन दिवस (25 दिसम्बर) राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) किसान दिवस (23 दिसम्बर) राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसम्बर)


जन्म
ओ. पी. नैय्यर (16 जनवरी) कामिनी कौशल (16 जनवरी) गुरु हरराय (16 जनवरी) वी. एस. संपत (16 जनवरी) सुभाष मुखोपाध्याय (16 जनवरी) मुनीश्वर चन्द्र डावर (16 जनवरी) अश्विनी कुमार दत्त (15 जनवरी) मायावती (15 जनवरी) सैफ़ुद्दीन किचलू (15 जनवरी) ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफ़िर (15 जनवरी) चुनी गोस्वामी (15 जनवरी) खाशाबा जाधव (15 जनवरी) बाबासाहेब भोसले (15 जनवरी) सरदूल सिकंदर (15 जनवरी)
मृत्यु
महादेव गोविन्द रानाडे (16 जनवरी) शरत चंद्र चट्टोपाध्याय (16 जनवरी) रामनरेश त्रिपाठी (16 जनवरी) टी. एल. वासवानी (16 जनवरी) एल. के. झा (16 जनवरी) गुलज़ारीलाल नन्दा (15 जनवरी) तपन सिन्हा (15 जनवरी) होमाई व्यारावाला (15 जनवरी) सदाशिवराव भाऊ (15 जनवरी)


समाचार

अंडर-19 विश्वकप ट्रॉफी 2018 के साथ भारतीय क्रिकेट टीम
सुशील कुमार

एक व्यक्तित्व

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण


चयनित चित्र

बरसाना के राधारानी मंदिर की सुंदर छवि
बरसाना के राधारानी मंदिर की सुंदर छवि

राधा रानी मंदिर, बरसाना

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