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- [[जैन]] तीर्थंकर | - [[जैन]] तीर्थंकर | ||
- [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ]] | |||
+ [[बुद्ध]] प्रतिमा | |||
- गोमतेश्वर की प्रतिमा | - गोमतेश्वर की प्रतिमा | ||
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- [[उदयगिरि गुफ़ाएँ]], [[मध्य प्रदेश]] | - [[उदयगिरि गुफ़ाएँ]], [[मध्य प्रदेश]] | ||
+ [[उदयगिरि उड़ीसा|उदयगिरि]], [[उड़ीसा]] | + [[उदयगिरि उड़ीसा|उदयगिरि गुफ़ाएँ]], [[उड़ीसा]] | ||
- [[अजंता की गुफ़ाएं]], [[औरंगाबाद]] | - [[अजंता की गुफ़ाएं]], [[औरंगाबाद]] | ||
- [[एलिफेंटा की गुफाएँ]], [[मुम्बई]] | - [[एलिफेंटा की गुफाएँ]], [[मुम्बई]] | ||
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- [[रामेश्वर]] | - [[रामेश्वर]] | ||
- [[महाकालेश्वर]] | - [[महाकालेश्वर]] | ||
- [[ओंकारेश्वर]] | |||
+ [[त्र्यंम्बक ज्योतिर्लिंग|त्र्यंम्बक]] | |||
|| '''श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग''' [[महाराष्ट्र]] प्रान्त के [[नासिक]] जनपद में नासिक शहर से तीस किलोमीटर पश्चिम में अवस्थित है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[त्र्यंम्बक ज्योतिर्लिंग]] | || '''श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग''' [[महाराष्ट्र]] प्रान्त के [[नासिक]] जनपद में नासिक शहर से तीस किलोमीटर पश्चिम में अवस्थित है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[त्र्यंम्बक ज्योतिर्लिंग]] | ||
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- मधुबाला और [[अशोक कुमार]] | - मधुबाला और [[अशोक कुमार]] | ||
- मधुबाला और देव आनन्द | - मधुबाला और देव आनन्द | ||
|| [[हिन्दी]] सिनेमा की सार्वकालिक क्लासिक मुग़ल-ए-आज़म, जो [[1960]] में भारतीय सिनेमा में एक ऐसी फ़िल्म बनी जो आज भी पुरानी नहीं लगती। चाहे मधुबाला की दिलकश अदाएँ हों या फिर [[दिलीप कुमार]] की बग़ावती शख़्सियत या फिर हो बादशाह [[अकबर]] बने पृथ्वीराज कपूर की दमदार आवाज़, | || [[हिन्दी]] सिनेमा की सार्वकालिक क्लासिक मुग़ल-ए-आज़म, जो [[1960]] में भारतीय सिनेमा में एक ऐसी फ़िल्म बनी जो आज भी पुरानी नहीं लगती। चाहे मधुबाला की दिलकश अदाएँ हों या फिर [[दिलीप कुमार]] की बग़ावती शख़्सियत या फिर हो बादशाह [[अकबर]] बने पृथ्वीराज कपूर की दमदार आवाज़, फ़िल्म में सब कुछ था ख़ास। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुग़ल ए आज़म]] | ||
{ यह क्या है? <br /> | { यह क्या है? <br /> | ||
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- [[रहीम]] | - [[रहीम]] | ||
- [[कालिदास]] | - [[कालिदास]] | ||
|| [[हिन्दी]] [[साहित्य]] में [[भक्तिकाल]] में [[कृष्ण]] भक्ति के भक्त कवियों में महाकवि सूरदास का नाम अग्रणी है। सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसों का भी बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सूरदास]] | |||
{ यह क्या है? <br /> | { यह क्या है? <br /> |
10:37, 5 फ़रवरी 2011 का अवतरण