"हनुमान जयन्ती": अवतरणों में अंतर

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चित्र:Hanuman 2.jpg|बच्चों की पहली पसंद बाल [[हनुमान]] एनिमेशन फिल्म <br />Animation Movie 'Hanuman'
चित्र:Hanuman 2.jpg|बच्चों की पहली पसंद बाल [[हनुमान]] एनिमेशन फ़िल्म <br />Animation Movie 'Hanuman'
चित्र:Life-Size-Figure-Of-Hanuman-Mathura-Museum-84.jpg|विशाल काय [[हनुमान]], [[संग्रहालय मथुरा]] <br />Life Size Figure Of Hanuman, Mathura Museum
चित्र:Life-Size-Figure-Of-Hanuman-Mathura-Museum-84.jpg|विशाल काय [[हनुमान]], [[संग्रहालय मथुरा]] <br />Life Size Figure Of Hanuman, Mathura Museum
चित्र:Luteriya-Hanuman-Vrindavan-1.jpg|लुटेरिया हनुमान मंदिर, [[वृन्दावन]] <br />Luteriya Hanuman Temple, Vrindavan
चित्र:Luteriya-Hanuman-Vrindavan-1.jpg|लुटेरिया हनुमान मंदिर, [[वृन्दावन]] <br />Luteriya Hanuman Temple, Vrindavan

11:05, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण

हनुमान
Hanuman

ऐसा माना जाता है कि चैत्र मास की पूर्णिमा को ही राम भक्त हनुमान ने माता अंजनी के गर्भ से जन्म लिया था। यह व्रत हनुमान जी की जन्मतिथि का है। प्रत्येक देवता की जन्मतिथि एक होती है, परन्तु हनुमान जी की दो मनाई जाती हैं। हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ हनुमान जयन्ती की तिथि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा। इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं, किंतु इनके कारणों में भिन्नता है। पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव। हनुमान जी के जन्म के बारे में एक कथा है कि -'अंजनी के उदर से हनुमान जी उत्पन्न हुए। भूखे होने के कारण वे आकाश में उछल गए और उदय होते हुए सूर्य को फल समझकर उसके समीप चले गए। उस दिन पर्व तिथि होने से सूर्य को ग्रसने के लिए राहु आया हुआ था। परन्तु हनुमान जी को देखकर उसने उन्हें दूसरा राहु समझा और भागने लगा। तब इन्द्र ने अंजनीपुत्र पर वज्र का प्रहार किया। इससे उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई, जिसके कारण उनका नाम हनुमान पड़ा। जिस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ वह दिन चैत्र मास की पूर्णिमा था। यही कारण है कि आज के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा-आराधना की जाती है तथा व्रत किया जाता है। साथ ही मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाकर हनुमान जी का विशेष श्रृंगार भी किया है। आज के दिन रामभक्तों द्वारा स्नान ध्यान, भजन-पूजन और सामूहिक पूजा में हनुमान चालीसा और हनुमान जी की आरती के विशेष आयोजन किया जाता हैं।

वीथिका

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