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*[[समुद्र]] एवं अश्वत्थ वृक्ष का सम्मान करना चाहिए, किन्तु उन्हें छूना नहीं चाहिए, किन्तु शनिवार को अश्वत्थ का स्पर्श किया जा सकता है। | *[[समुद्र]] एवं अश्वत्थ वृक्ष का सम्मान करना चाहिए, किन्तु उन्हें छूना नहीं चाहिए, किन्तु शनिवार को अश्वत्थ का स्पर्श किया जा सकता है। |
18:51, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- पूर्णिमा एवं अमावास्या जैसे पर्व दिनों पर समुद्र में स्नान करना चाहिए, किन्तु मंगलवार एवं शुक्रवार को नहीं।
- समुद्र एवं अश्वत्थ वृक्ष का सम्मान करना चाहिए, किन्तु उन्हें छूना नहीं चाहिए, किन्तु शनिवार को अश्वत्थ का स्पर्श किया जा सकता है।
- सेतु अर्थात् रामेश्वरम में स्नान करने के लिए काल सम्बन्धी कोई अवरोध नहीं है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ धर्मसिन्धु (36)
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