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*सहस्रभोजनविधि अपने घर या मन्दिर में करना चाहिए। | *सहस्रभोजनविधि अपने घर या मन्दिर में करना चाहिए। |
18:52, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- सहस्रभोजनविधि सहस्र बाह्मणों को भोज देने की विधि है।[1]
- सहस्रभोजनविधि अपने घर या मन्दिर में करना चाहिए।
- पके भोजन से तथा घृत से होम कराना चाहिए।
- सहस्रभोजनविधि में विष्णु के 12 नामों, यथा–केशव, नारायण का प्रयोग करना चाहिए।
- सहस्रभोजनविधि में भाँति-भाँति के दान देने चाहिए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्मृतिकौस्तुभ (454-455, बौधायनसूत्र का उद्धरण)
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