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09:33, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- भाद्रपद की द्वादशी को यह व्रत होता है।
- इस व्रत में दुग्ध का पूर्ण वर्जन होता है।
- निर्णयसिन्धु[1] ने कई मतों का उल्लेख किया है।
- पायस या दही के सेवन के विषय में मतभेद प्रकट हुआ है, यद्यपि दुग्ध का सेवन वर्जित ठहराया गया है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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