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<div style="padding:3px">[[चित्र:Kolaz-Varanasi.jpg|right|botom|100px|वाराणसी के विभिन्न दृश्य |link=वाराणसी|border]]</div>
*'''[[वाराणसी]]''' के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। [[काशी]] से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
*इस नगर के धनी व्यापारियों को व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि [[बनारस]] के व्यापारी [[दिशाकाक]] लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। [[वाराणसी|... और पढ़ें]]
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[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो|border]]
*'''[[खजुराहो]]''' की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
*कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देते हैं। [[खजुराहो|... और पढ़ें]]
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* 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने दो हज़ार साल पहले  स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए [[अगलस्सोई|.... और पढ़ें]]
* महान भारतीय हरफ़नमौला खिलाड़ी '[[वीनू मांकड़]]' ने ऑस्ट्रेलिया के [[बल्लेबाज]] को कुछ इस तरह आउट किया कि यह क्रिकेट का नया नियम ही बन गया [[क्रिकेट#मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम|... और पढ़ें]]
* एक ही व्यक्ति ने, [[राष्ट्रपति भवन]] एक बार, [[लाल क़िला]] 2 बार और [[ताजमहल]] 3 बार बेच दिया [[नटवर लाल|... और पढ़ें]] 
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*जब मरने के बाद श्मशान में डाल दिए जाने पर सभी लोग समान रूप से पृथ्वी की गोद में सोते हैं, तब मूर्ख मानव इस संसार में क्यों एक दूसरे को ठगने की इच्छा करते हैं। -[[वेदव्यास]] ([[महाभारत]], स्त्रीपर्व|4|18)
*हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -[[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]] (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43) [[सूक्ति और कहावत|... और पढ़ें]]
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*हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|... और पढ़ें]]
*'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो [[ओखली|... और पढ़ें]]
*'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था [[किमखाब|... और पढ़ें]]
*'चौंसठ कलाएँ' कभी दैनिक जीवनचर्या का अभिन्न अंग थीं [[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|... और पढ़ें]]
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[[चित्र:Satyajit-Ray.jpg|right|100px|सत्यजित राय|link=सत्यजित राय|border]]
* '''[[सत्यजित राय]]''' मानद ऑस्कर अवॉर्ड, [[भारत रत्न]] के अतिरिक्त [[पद्म श्री]] (1958), [[पद्म भूषण]] (1965), [[पद्म विभूषण]] (1976) और रमन मैगसेसे पुरस्कार (1967) से सम्मानित हैं।
*विश्व सिनेमा के पितामह माने जाने वाले महान निर्देशक अकीरा कुरोसावा ने राय के लिए कहा था "सत्यजित राय के बिना सिनेमा जगत वैसा ही है जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान" [[सत्यजित राय|... और पढ़ें]]
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| [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
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आज का दिन - 14 जनवरी 2025

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विशेष आलेख
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
  • वाराणसी के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। काशी से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
  • इस नगर के धनी व्यापारियों को व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि बनारस के व्यापारी दिशाकाक लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। ... और पढ़ें

पिछले विशेष आलेख → बाघ · हिन्दी · ब्रज · कोलकाता
एक पर्यटन स्थल
खजुराहो मंदिर
खजुराहो मंदिर
  • खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
  • कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देते हैं। ... और पढ़ें
ऐसा भी हुआ !
सूक्ति और कहावत
  • जब मरने के बाद श्मशान में डाल दिए जाने पर सभी लोग समान रूप से पृथ्वी की गोद में सोते हैं, तब मूर्ख मानव इस संसार में क्यों एक दूसरे को ठगने की इच्छा करते हैं। -वेदव्यास (महाभारत, स्त्रीपर्व|4|18)
  • हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -विवेकानन्द (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43) ... और पढ़ें
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

भारत कोश हलचल

राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) सुभाष चंद्र बोस जयंती (23 जनवरी) पराक्रम दिवस (23 जनवरी) मणिपुर स्थापना दिवस (21 जनवरी) त्रिपुरा स्थापना दिवस (21 जनवरी) मेघालय स्थापना दिवस (21 जनवरी) गणेश चतुर्थी (17 जनवरी) थल सेना दिवस (15 जनवरी) मकर संक्रांति (14 जनवरी) कुम्भ मेला, प्रथम शाही स्नान (14 जनवरी) लोहड़ी (13 जनवरी) कल्पवास प्रारम्भ, प्रयागराज (13 जनवरी) कुम्भ मेला प्रारम्भ (13 जनवरी) राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह(11-17 जनवरी) (11 जनवरी) प्रदोष व्रत (11 जनवरी) विश्व हिन्दी दिवस (10 जनवरी) पुत्रदा एकादशी(10 जनवरी) प्रवासी भारतीय दिवस (09 जनवरी) गुरु गोविंद सिंह जयंती (06 जनवरी) लुई ब्रेल दिवस (04 जनवरी) नववर्ष (01 जनवरी) सोमवती अमावस्या (30 दिसम्बर) मासिक शिवरात्रि (29 दिसम्बर) सफला एकादशी(26 दिसम्बर) क्रिसमस (25 दिसम्बर) सुशासन दिवस (25 दिसम्बर) राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) किसान दिवस (23 दिसम्बर) राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसम्बर)


जन्म
अश्विनी कुमार दत्त (15 जनवरी) मायावती (15 जनवरी) सैफ़ुद्दीन किचलू (15 जनवरी) ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफ़िर (15 जनवरी) चुनी गोस्वामी (15 जनवरी) खाशाबा जाधव (15 जनवरी) बाबासाहेब भोसले (15 जनवरी) सरदूल सिकंदर (15 जनवरी) महाश्वेता देवी (14 जनवरी) सी. डी. देशमुख (14 जनवरी) दुर्गा खोटे (14 जनवरी) दशरथ मांझी (14 जनवरी) बिन्देश्वरी दुबे (14 जनवरी) ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह (14 जनवरी) नारायण कार्तिकेयन (14 जनवरी) अबुल फ़ज़ल (14 जनवरी)
मृत्यु
गुलज़ारीलाल नन्दा (15 जनवरी) तपन सिन्हा (15 जनवरी) होमाई व्यारावाला (15 जनवरी) सदाशिवराव भाऊ (15 जनवरी) सुरजीत सिंह बरनाला (14 जनवरी) एडमंड हैली (14 जनवरी)

समाचार

समाचार

भूला-बिसरा भारत
  • हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? ... और पढ़ें
  • 'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो ... और पढ़ें
  • 'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था ... और पढ़ें
  • 'चौंसठ कलाएँ' कभी दैनिक जीवनचर्या का अभिन्न अंग थीं ... और पढ़ें
एक व्यक्तित्व
सत्यजित राय
सत्यजित राय

पिछले लेख → सरोजिनी नायडू · रबीन्द्रनाथ ठाकुर
चयनित चित्र
बरसाना के राधारानी मंदिर की सुंदर छवि
बरसाना के राधारानी मंदिर की सुंदर छवि

राधा रानी मंदिर, बरसाना

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