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| {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} |
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| {| class="bharattable" | | {| width="100%" style="background:transparent;" |
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| !कहावत लोकोक्ति मुहावरे
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| !अर्थ
| | * उत्रा उत्तर दै गयी, हस्त गयो मुख मोरि।<br /> |
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| 1-उत्रा उत्तर दै गयी, हस्त गयो मुख मोरि।<br />
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| भली विचारी चित्तरा, परजा लेइ बहोरि।। | | भली विचारी चित्तरा, परजा लेइ बहोरि।। |
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| | * उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे। |
| अर्थ - उत्तर नक्षत्र ने जवाब दे दिया और हस्त नक्षत्र भी मुंह मोड़कर चला गया। चित्रा नक्षत्र ही अच्छा है जो कि प्रजा को बसा लेता है अर्थात यदि उत्तरा और हस्त नक्षत्र में पानी न बरसे और चित्रा नक्षत्र में पानी बरस जाता है तो उपज अच्छी होती है।
| | * उँगली पकड़ते ही पहुँचा पकड़ना। |
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| | * उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई। |
| |2- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
| | * उत्तर जाएं कि दक्खिन, वही करम के लक्ख़न। |
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| | * उपजति एक संग जल माही,<br /> |
| अर्थ - दोषी होने पर भी दोषी बताना।
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| |3- उँगली पकड़ते ही पहुँचा पकड़ना।
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| अर्थ - थोड़ा सा आसरा पाकर पूर्ण अधिकार पाने की हिम्मत बढ़ना।
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| |4- उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी।
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| अर्थ - दुविधा में पड़ जाना।
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| |5- उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई।
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| अर्थ - इज्ज़त न रहने पर आदमी निर्लज्ज हो जाता है, उसे मान अपमान का ध्यान नहीं रहता है।
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| |6- उत्तर जाएं कि दक्खिन, वही करम के लक्ख़न।
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| अर्थ - भाग्य और दुर्भाग्य हर जगह साथ देता है, व्यक्ति कहीं भी रहे।
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| |7- उपजति एक संग जल माही,<br />
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| जलज जोंक जिमि गुण विलगाही | | जलज जोंक जिमि गुण विलगाही |
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| | * उलटी गंगा पहाड़ चली। |
| अर्थ - एक पिता के बेटे भी एक जैसे नहीं होते अर्थात मूल एक होने पर भी विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।
| | * उलटे बाँस बरेली को। |
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| | * उँगलियों पर नाचना। |
| |8- उलटी गंगा पहाड़ चली।
| | * उँगली उठाना। |
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| | * उगल देना। |
| अर्थ - असंभव या विपरीत बात होना, असंभव काम करने की कोशिश करना।
| | * उड़ती चिड़िया पहचानना। |
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| | * उड़न छू होना। |
| |9- उलटे बाँस बरेली को।
| | * उधार खाए बैठना। |
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| | * उधेड़ बुन में पड़ना / रहना। |
| अर्थ - विपरीत कार्य करना, असंभव काम करने की कोशिश करना।
| | * उन्नीस पड़ना या होना। |
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| | * उन्नीस बिस्वा। |
| |10- उँगलियों पर नाचना।
| | * उन्नीस-बीस होना। |
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| | * उबल पड़ना। |
| अर्थ - किसी की इच्छाओं का तुरंत पालन करना।
| | * उल्टी गंगा बहाना। |
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| | * उल्टी पट्टी पढ़ाना। |
| |11- उँगली उठाना।
| | * उल्टी माला फेरना। |
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| | * उल्टे छुरे से मूँड़ना। |
| अर्थ - निंदा करना।
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| |12- उँगली पकड़ कर पहुँचा पकड़ना।
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| अर्थ - ज़रा सा सहारा मिलते ही कुछ और पाने की लालसा करना।
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| |13- उगल देना।
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| अर्थ - भेद खोल देना।
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| |14- उड़ती चिड़िया पहचानाना।
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| अर्थ - मन की बात ताड़ जाना।
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| |15- उड़न छू होना।
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| अर्थ - गायब हो जाना।
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| |16- उधार खाए बैठना।
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| अर्थ - हठ करना।
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| |17- उधेड़ बुन में पड़ना / रहना।
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| अर्थ - सोच-विचार करते रहना।
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| |18- उन्नीस पड़ना या होना।
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| अर्थ - कुछ घटकर होना।
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| |19- उन्नीस बिस्वा।
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| अर्थ - अधिकांशत:।
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| |20- उन्नीस-बीस होना।
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| अर्थ - बहुत थोड़ा अन्तर होना।
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| |21- उबल पड़ना।
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| अर्थ - एकदम गुस्सा हो जाना।
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| |22- उल्टी गंगा बहाना।
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| अर्थ - उल्टा काम करना।
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| |23- उल्टी पट्टी पढ़ाना।
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| अर्थ - ग़लत कहकर बहकाना।
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| |24- उल्टी माला फेरना।
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| अर्थ - अहित सोचना।
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| |25- उल्टे छुरे से मूँड़ना।
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| अर्थ - मूर्ख बनाकर ठग लेना।
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