"प्रयोग:लक्ष्मी2": अवतरणों में अंतर
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-[[कत्थक]] | -[[कत्थक]] | ||
+[[ओडिसी]] | +[[ओडिसी]] | ||
-भरतनाट्यम | -[[भरतनाट्यम]] | ||
||[[चित्र:Odissi-Dance.jpg|ओडिसी नृत्य, उड़ीसा|100px|right]] ओडिसी को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक माना जाता है। उड़ीसा के पारम्परिक नृत्य, ओडिसी का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओडिसी]] | ||[[चित्र:Odissi-Dance.jpg|ओडिसी नृत्य, उड़ीसा|100px|right]] ओडिसी को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक माना जाता है। उड़ीसा के पारम्परिक नृत्य, ओडिसी का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओडिसी]] | ||
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{[[अमीर खुसरो]] का नाम किस वाद्ययंत्र के आविष्कार से सम्बन्धित है? | {[[अमीर खुसरो]] का नाम किस वाद्ययंत्र के आविष्कार से सम्बन्धित है? | ||
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+सितार | +[[सितार]] | ||
-तबला | -[[तबला]] | ||
-शहनाई | -[[शहनाई]] | ||
-सरोद | -सरोद | ||
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-[[कत्थक]] | -[[कत्थक]] | ||
-[[ओडिसी]] | -[[ओडिसी]] | ||
+[[गरबा]] | +[[गरबा नृत्य]] | ||
-[[मणिपुरी]] | -[[मणिपुरी]] | ||
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+[[भरतनाट्यम]] | +[[भरतनाट्यम]] | ||
-[[कथकली]] | -[[कथकली]] | ||
||[[चित्र:Bharatanatyam-Dance.jpg|भरतनाट्यम नृत्य|100px|right]] [[शास्त्रीय नृत्य]] का यह एक प्रसिद्ध नृत्य है। भरत नाट्यम, [[भारत]] के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है तथा इसका संबंध दक्षिण भारत के [[तमिलनाडु]] राज्य से है। यह नाम 'भरत' शब्द से लिया गया तथा इसका संबंध नृत्यशास्त्र से है। ऐसा माना जाता है कि [[ब्रह्मा]], हिन्दू देवकुल के महान त्रिदेवों में से प्रथम, नाट्य शास्त्र अथवा नृत्य विज्ञान हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भरतनाट्यम]] | ||[[चित्र:Bharatanatyam-Dance.jpg|भरतनाट्यम नृत्य|100px|right]] [[शास्त्रीय नृत्य]] का यह एक प्रसिद्ध नृत्य है। भरत नाट्यम, [[भारत]] के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है तथा इसका संबंध दक्षिण भारत के [[तमिलनाडु]] राज्य से है। यह नाम 'भरत' शब्द से लिया गया तथा इसका संबंध नृत्यशास्त्र से है। ऐसा माना जाता है कि [[ब्रह्मा]], हिन्दू देवकुल के महान त्रिदेवों में से प्रथम, नाट्य शास्त्र अथवा नृत्य विज्ञान हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भरतनाट्यम]] | ||
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-[[शाहजहाँ]] | -[[शाहजहाँ]] | ||
-[[औरंगजेब]] | -[[औरंगजेब]] | ||
||[[चित्र:Jahangir.jpg|जहाँगीर|100px|right]]जहाँगीर का जन्म फ़तेहपुर सीकरी में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से 30 अगस्त, 1569 ई. को हुआ था। अकबर सलीम को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था। सलीम का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहांगीर]] | |||
{[[भारत]] में सर्वप्रथम ईसाई धर्म का प्रचार सर्वप्रथम किसने किया? | {[[भारत]] में सर्वप्रथम ईसाई धर्म का प्रचार सर्वप्रथम किसने किया? | ||
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{[[गायत्री मंत्र]] किस ग्रंथ में शामिल है? | {[[गायत्री मंत्र]] किस ग्रंथ में शामिल है? | ||
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+ | +[[ॠग्वेद]] | ||
-यजुर्वेद | -[[यजुर्वेद]] | ||
-सामवेद | -[[सामवेद]] | ||
-अथर्वेद | -[[अथर्वेद]] | ||
||[[चित्र:Rigveda.jpg|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]]सबसे प्राचीनतम है। 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ॠग्वेद]] | |||
{[[महाभारत]] का प्रारम्भिक नाम था? | {[[महाभारत]] का प्रारम्भिक नाम था? | ||
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+जययुद्ध | +जययुद्ध | ||
{ | {[[रथयात्रा]] उत्सव कहाँ मनाया जाता है? | ||
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-[[कोणार्क]] में | -[[कोणार्क]] में | ||
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-[[हरिद्वार]] में | -[[हरिद्वार]] में | ||
-[[द्वारिका]] में | -[[द्वारिका]] में | ||
||[[चित्र:Jagannath-Temple-Puri.jpg|जगन्नाथ मंदिर, पुरी|100px|right]]पुरी, पूर्वी [[उड़ीसा]] राज्य, पूर्वी [[भारत]] में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, [[बंगाल की खाड़ी]] के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर पुरी ज़िले में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुरी]] | |||
{[[राजस्थान]] का पुष्कर मेला किस माह में लगता है? | {[[राजस्थान]] का पुष्कर मेला किस माह में लगता है? | ||
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-[[इन्दौर]] में | -[[इन्दौर]] में | ||
-[[भौपाल]] में | -[[भौपाल]] में | ||
||[[चित्र:Khajuraho-Temple-10.jpg|खजुराहो मन्दिर, मध्य प्रदेश|1oopx|right]]खजुराहो में 64 योगिनियों का खुला मन्दिर खुरदुरे ग्रेनाइट पत्थर का बना हुआ है। उत्तरमुखी इस मन्दिर का निर्माण 900 ईसवी में माना जाता है। जबकि 10वीं शताब्दी के मध्य में बने नागर शैली के उत्कृष्ट मन्दिर, चिकने बलुआ पत्थर से निर्मित हैं। यहां से ब्रह्माणी, इंद्राणी व महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाऐं प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खजुराहो]] | |||
{चूहों के मन्दिर के नाम से विख्यात मन्दिर है? | {चूहों के मन्दिर के नाम से विख्यात मन्दिर है? |
11:38, 24 मई 2011 का अवतरण
कला और संस्कृति
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