"सागतसिंह रासो": अवतरणों में अंतर
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*इसमें शक्तिसिंह एवं उनके वंशजों का जीवनवृत्त वर्णन किया गया है। | *इसमें शक्तिसिंह एवं उनके वंशजों का जीवनवृत्त वर्णन किया गया है। | ||
*श्री अगरचन्द नाहटा ने इसका रचना काल सं. 1755 के पश्चात का मानते हैं। | *श्री अगरचन्द नाहटा ने इसका रचना काल सं. 1755 के पश्चात का मानते हैं। | ||
*इसकी [[छन्द]] संख्या 943 है। | *इसकी [[छन्द]] संख्या 943 है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
13:47, 30 मई 2011 का अवतरण
- सागत सिंह रासो, यह 'गिरधर चारण' द्वारा लिखा गया रासो काव्य है।
- इसमें शक्तिसिंह एवं उनके वंशजों का जीवनवृत्त वर्णन किया गया है।
- श्री अगरचन्द नाहटा ने इसका रचना काल सं. 1755 के पश्चात का मानते हैं।
- इसकी छन्द संख्या 943 है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।