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*समुद्रगुप्त ने अवमुक्तक के शासक नीलराज को विजित किया था-'कांचेयक विष्णुगोप, अवमुक्तक, नीलराज, वैंगीयक हस्तिवर्मा'।
*समुद्रगुप्त ने अवमुक्तक के शासक नीलराज को विजित किया था-'कांचेयक विष्णुगोप, अवमुक्तक, नीलराज, वैंगीयक हस्तिवर्मा'।


 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

11:55, 27 जून 2011 का अवतरण

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  • अवमुक्त या अवमुक्तक एक तीर्थस्थान जिसे ब्रह्मपुराण में[1]कांची या कांचीपुरम में गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक नगर बताया गया था।
  • शायद महाराजाधिराज समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति में इसका अवमुक्तक रूप में उल्लेख है।
  • समुद्रगुप्त ने अवमुक्तक के शासक नीलराज को विजित किया था-'कांचेयक विष्णुगोप, अवमुक्तक, नीलराज, वैंगीयक हस्तिवर्मा'।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 113, 22

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