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||[[चित्र:Meenakshi-Temple-Madurai.jpg|मीनाक्षी मंदिर, मदुरई|100px|right]]'''मदुरा प्राचीन काल से ही''' सुन्दर सूती वस्त्रों तथा मोतियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा टॉलमी ने मदुरा के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें मीनाक्षी मन्दिर उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरै]] | ||[[चित्र:Meenakshi-Temple-Madurai.jpg|मीनाक्षी मंदिर, मदुरई|100px|right]]'''मदुरा प्राचीन काल से ही''' सुन्दर सूती वस्त्रों तथा मोतियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा टॉलमी ने मदुरा के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें मीनाक्षी मन्दिर उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरै]] | ||
{[[कोणार्क]] के [[सूर्य]] का निर्माता कौन है? | {[[कोणार्क]] के [[सूर्य]] मन्दिर का निर्माता कौन है? | ||
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-[[राजेन्द्र द्वितीय]] | -[[राजेन्द्र द्वितीय]] | ||
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-[[महाराष्ट्र]] | -[[महाराष्ट्र]] | ||
+[[मध्य प्रदेश]] | +[[मध्य प्रदेश]] | ||
||[[चित्र:Khajuraho-Madhya-Pradesh.jpg|खजुराहो, मध्य प्रदेश|100px|right]]मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य [[अवंति]] था, जिसकी राजधानी [[उज्जैन]] थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य [[मौर्य साम्राज्य]] (चौथी से तीसरी शताब्दी ई. पू.) का अंग था, जो बाद में [[मालवा]] के नाम से जाना गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मध्य प्रदेश]] | ||[[चित्र:Khajuraho-Madhya-Pradesh.jpg|[[खजुराहो]], मध्य प्रदेश|100px|right]]मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य [[अवंति]] था, जिसकी राजधानी [[उज्जैन]] थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य [[मौर्य साम्राज्य]] (चौथी से तीसरी शताब्दी ई. पू.) का अंग था, जो बाद में [[मालवा]] के नाम से जाना गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मध्य प्रदेश]] | ||
{'विद्यासागर सेतु' कहाँ स्थित है? | {'विद्यासागर सेतु' कहाँ स्थित है? | ||
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-[[पटना]] में | -[[पटना]] में | ||
-[[इन्दौर]] में | -[[इन्दौर]] में | ||
||[[चित्र:Moti-Masjid.jpg|मोती मस्जिद, भोपाल|100px|right]]भोपाल का [[मध्य प्रदेश]] के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन भारत को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोपाल]] | ||[[चित्र:Moti-Masjid.jpg|मोती मस्जिद, भोपाल|100px|right]]भोपाल का [[मध्य प्रदेश]] के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन [[भारत]] को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोपाल]] | ||
{'[[भारत]] महोत्सव' | {'[[भारत]] महोत्सव' की शुरूआत किस वर्ष हुई थी। | ||
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+ | +1982 | ||
- | -1977 | ||
- | -1985 | ||
- | -1986 | ||
{'भारतीय पुरातत्व विज्ञान' का जन्मदाता किसे कहा जाता है? | {'भारतीय पुरातत्व विज्ञान' का जन्मदाता किसे कहा जाता है? | ||
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|type="()"} | |type="()"} | ||
+संगीत अकादमी | +संगीत अकादमी | ||
-ललित कला अकादमी | -[[ललित कला अकादमी]] | ||
-साहित्य अकादमी | -[[साहित्य अकादमी]] | ||
-नेशनल | -नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा | ||
{[[उत्तर प्रदेश]] में [[जैन]] एंव [[बौद्ध]] दोनों धर्मों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है- | {[[उत्तर प्रदेश]] में [[जैन]] एंव [[बौद्ध]] दोनों धर्मों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है- |
07:31, 11 जुलाई 2011 का अवतरण
कला और संस्कृति
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