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*सम्पादनकर्ता तेल एवं नमक छोड़ देता है और ब्राह्मणों को दूध एवं शक्कर के साथ चावल पकाकर खिलाता है। | *सम्पादनकर्ता तेल एवं नमक छोड़ देता है और ब्राह्मणों को दूध एवं शक्कर के साथ चावल पकाकर खिलाता है। | ||
*कुटुम्ब में न कोई दरिद्र रहता है और न कोई दरिद्र उत्पन्न होता है। | *कुटुम्ब में न कोई दरिद्र रहता है और न कोई दरिद्र उत्पन्न होता है। |
12:36, 27 जुलाई 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- षष्ठी को (उपवास या एकभक्त); एक वर्ष के लिए; भास्कर की पूजा;[1]।
- सम्पादनकर्ता तेल एवं नमक छोड़ देता है और ब्राह्मणों को दूध एवं शक्कर के साथ चावल पकाकर खिलाता है।
- कुटुम्ब में न कोई दरिद्र रहता है और न कोई दरिद्र उत्पन्न होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 626–627, स्कन्द के चार श्लोक उद्धरत हैं
अन्य संबंधित लिंक
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