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*मिट्टी के पात्र में राजा [[दशरथ]] की मूर्ति तथा [[दुर्गा]] की पूजा की जाती है। | *मिट्टी के पात्र में राजा [[दशरथ]] की मूर्ति तथा [[दुर्गा]] की पूजा की जाती है। | ||
*पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि, (94-95 | *पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि, (94-95</ref> ने इसे करक-चतुर्थी कहा है।<ref>निर्णयसिन्धु (196</ref> | ||
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12:45, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है।
- मिट्टी के पात्र में राजा दशरथ की मूर्ति तथा दुर्गा की पूजा की जाती है।
- पुरुषार्थचिन्तामणि[1] ने इसे करक-चतुर्थी कहा है।[2]
अन्य संबंधित लिंक
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