"वामन जयन्ती": अवतरणों में अंतर
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*यह व्रत [[भाद्रपद]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[द्वादशी]] पर करना चाहिए। | *यह व्रत [[भाद्रपद]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[द्वादशी]] पर करना चाहिए। | ||
*इस तिथि पर मध्याह्न में [[विष्णु]] का [[वामन अवतार]] हुआ था, उस समय [[श्रवण नक्षत्र]] था।<ref>सर्वपापमोचन; गदाधरपद्धति (कालसार, पृष्ठ 147-148); व्रतार्क (पाण्डुलिपि, 244ए से 247ए तक, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण | *इस तिथि पर मध्याह्न में [[विष्णु]] का [[वामन अवतार]] हुआ था, उस समय [[श्रवण नक्षत्र]] था।<ref>सर्वपापमोचन; गदाधरपद्धति (कालसार, पृष्ठ 147-148); व्रतार्क (पाण्डुलिपि, 244ए से 247ए तक, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण</ref> | ||
*[[भागवत पुराण]]<ref>भागवतपुराण (8, अध्याय 17-23)। अध्याय 18 (श्लोक 5-6 | *[[भागवत पुराण]]<ref>भागवतपुराण (8, अध्याय 17-23)। अध्याय 18 (श्लोक 5-6</ref> में ऐसा आया है कि वामन [[श्रावण मास]] की द्वादशी पर प्रकट हुए थे, जबकि श्रवण नक्षत्र था, मुहूर्त अभिजित था तथा वह तिथि [[विजयद्वादशी]] कही जाती है। | ||
*हेमाद्रि<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, पृष्ठ 1138-1145, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण | *हेमाद्रि<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, पृष्ठ 1138-1145, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण</ref> का अधिकांश व्रतार्क से उर्द्धरत है। | ||
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12:55, 27 जुलाई 2011 का अवतरण
मुख्य लेख : वामन अवतार
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर करना चाहिए।
- इस तिथि पर मध्याह्न में विष्णु का वामन अवतार हुआ था, उस समय श्रवण नक्षत्र था।[1]
- भागवत पुराण[2] में ऐसा आया है कि वामन श्रावण मास की द्वादशी पर प्रकट हुए थे, जबकि श्रवण नक्षत्र था, मुहूर्त अभिजित था तथा वह तिथि विजयद्वादशी कही जाती है।
- हेमाद्रि[3] का अधिकांश व्रतार्क से उर्द्धरत है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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