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*सूरसारावली एक सम्पूर्ण ग्रन्थ है। यह एक "वृहद् होली' गीत के रुप में रचित हैं।
*सूरसारावली एक सम्पूर्ण ग्रन्थ है। यह एक "वृहद् होली' गीत के रुप में रचित हैं।
*सूरसारावली में 1107 [[छन्द]] हैं।   
*सूरसारावली में 1107 [[छन्द]] हैं।   
*इसकी टेक है- "खेलत यह विधि [[हरि]] [[होली|होरी]] हो, हरि होरी हो वेद विदित यह बात।''  
*इसकी टेक है- "खेलत यह विधि हरि [[होली|होरी]] हो, हरि होरी हो वेद विदित यह बात।''  
*सूरसारावली की रचना-काल संवत 1662 वि० निश्चित किया गया है, क्योंकि इसकी रचना [[सूरदास|सूर]] के 67 वें वर्ष में हुई थी।
*सूरसारावली की रचना-काल संवत 1662 वि० निश्चित किया गया है, क्योंकि इसकी रचना [[सूरदास|सूर]] के 67 वें वर्ष में हुई थी।



13:18, 19 अगस्त 2011 का अवतरण

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  • सूरसारावली एक सम्पूर्ण ग्रन्थ है। यह एक "वृहद् होली' गीत के रुप में रचित हैं।
  • सूरसारावली में 1107 छन्द हैं।
  • इसकी टेक है- "खेलत यह विधि हरि होरी हो, हरि होरी हो वेद विदित यह बात।
  • सूरसारावली की रचना-काल संवत 1662 वि० निश्चित किया गया है, क्योंकि इसकी रचना सूर के 67 वें वर्ष में हुई थी।


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