"खुला आसमान -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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बहुत दिनों बाद खुला आसमान! | बहुत दिनों बाद खुला आसमान! | ||
निकली है धूप, खुश हुआ जहान! | निकली है धूप, खुश हुआ जहान! | ||
दिखी दिशाएँ, झलके पेड़, | दिखी दिशाएँ, झलके पेड़, | ||
चरने को चले ढोर--गाय-भैंस-भेड़, | चरने को चले ढोर--गाय-भैंस-भेड़, | ||
खेलने लगे लड़के छेड़-छेड़-- | खेलने लगे लड़के छेड़-छेड़-- | ||
लड़कियाँ घरों को कर भासमान! | लड़कियाँ घरों को कर भासमान! | ||
लोग गाँव-गाँव को चले, | लोग गाँव-गाँव को चले, | ||
कोई बाजार, कोई बरगद के पेड़ के तले | कोई बाजार, कोई बरगद के पेड़ के तले | ||
जाँघिया-लँगोटा ले, सँभले, | जाँघिया-लँगोटा ले, सँभले, | ||
तगड़े-तगड़े सीधे नौजवान! | तगड़े-तगड़े सीधे नौजवान! | ||
पनघट में बड़ी भीड़ हो रही, | पनघट में बड़ी भीड़ हो रही, | ||
नहीं ख्याल आज कि भीगेगी चूनरी, | नहीं ख्याल आज कि भीगेगी चूनरी, | ||
बातें करती हैं वे सब खड़ी, | बातें करती हैं वे सब खड़ी, | ||
चलते हैं नयनों के सधे बाण! | चलते हैं नयनों के सधे बाण! |
14:06, 24 अगस्त 2011 का अवतरण
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बहुत दिनों बाद खुला आसमान! |
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