"तोड़ती पत्थर -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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वह तोड़ती पत्थर; | वह तोड़ती पत्थर; | ||
देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर- | देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर- | ||
वह तोड़ती पत्थर। | |||
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गर्द चिनगीं छा गई, | गर्द चिनगीं छा गई, | ||
प्रायः हुई दुपहर :- | |||
वह तोड़ती पत्थर। | |||
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लीन होते कर्म में फिर ज्यों कहा- | लीन होते कर्म में फिर ज्यों कहा- | ||
"मैं तोड़ती पत्थर।" | |||
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14:08, 24 अगस्त 2011 का अवतरण
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वह तोड़ती पत्थर; |
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