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पा नहीं सका,
पा नहीं सका,
हवा बन बहीं तुम, जब
हवा बन बहीं तुम, जब
मैं थका, रुका ।
मैं थका, रुका।


मुझे भर लिया तुमने गोद में,
मुझे भर लिया तुमने गोद में,
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शक्त शिरा‌एँ हु‌ईं रक्त-वाह ले,
शक्त शिरा‌एँ हु‌ईं रक्त-वाह ले,
मिलीं - तुम मिलीं, अन्तर कह उठा
मिलीं - तुम मिलीं, अन्तर कह उठा
जब थका, रुका ।
जब थका, रुका।
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14:10, 24 अगस्त 2011 का अवतरण

प्राप्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

तुम्हें खोजता था मैं,
पा नहीं सका,
हवा बन बहीं तुम, जब
मैं थका, रुका।

मुझे भर लिया तुमने गोद में,
कितने चुम्बन दिये,
मेरे मानव-मनोविनोद में
नैसर्गिकता लिये;

सूखे श्रम-सीकर वे
छबि के निर्झर झरे नयनों से,
शक्त शिरा‌एँ हु‌ईं रक्त-वाह ले,
मिलीं - तुम मिलीं, अन्तर कह उठा
जब थका, रुका।






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