"गहन है यह अंधकार -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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गहन है यह | गहन है यह अंधकार; | ||
स्वार्थ के अवगुंठनों से | स्वार्थ के अवगुंठनों से | ||
हुआ है लुंठन हमारा। | हुआ है लुंठन हमारा। |
14:10, 24 अगस्त 2011 का अवतरण
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गहन है यह अंधकार; |
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