"राजे ने अपनी रखवाली की -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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राजे ने अपनी रखवाली की; | राजे ने अपनी रखवाली की; | ||
क़िला बनाकर रहा; | क़िला बनाकर रहा; | ||
बड़ी-बड़ी फ़ौजें | बड़ी-बड़ी फ़ौजें रखीं। | ||
चापलूस कितने सामन्त | चापलूस कितने सामन्त आए। | ||
मतलब की लकड़ी पकड़े | मतलब की लकड़ी पकड़े हुए। | ||
कितने ब्राह्मण आए | कितने ब्राह्मण आए | ||
पोथियों में जनता को बाँधे | पोथियों में जनता को बाँधे हुए। | ||
कवियों ने उसकी बहादुरी के गीत गाए, | कवियों ने उसकी बहादुरी के गीत गाए, | ||
लेखकों ने लेख लिखे, | लेखकों ने लेख लिखे, | ||
ऐतिहासिकों ने इतिहास के पन्ने भरे, | ऐतिहासिकों ने इतिहास के पन्ने भरे, | ||
नाट्य-कलाकारों ने कितने नाटक रचे | नाट्य-कलाकारों ने कितने नाटक रचे | ||
रंगमंच पर | रंगमंच पर खेले। | ||
जनता पर जादू चला राजे के समाज | जनता पर जादू चला राजे के समाज का। | ||
लोक-नारियों के लिए रानियाँ आदर्श | लोक-नारियों के लिए रानियाँ आदर्श हुईं। | ||
धर्म का बढ़ावा रहा धोखे से भरा | धर्म का बढ़ावा रहा धोखे से भरा हुआ। | ||
लोहा बजा धर्म पर, सभ्यता के नाम | लोहा बजा धर्म पर, सभ्यता के नाम पर। | ||
ख़ून की नदी बही । | ख़ून की नदी बही । | ||
आँख-कान मूंदकर जनता ने डुबकियाँ | आँख-कान मूंदकर जनता ने डुबकियाँ लीं। | ||
आँख खुली | आँख खुली-राजे ने अपनी रखवाली की। | ||
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08:44, 25 अगस्त 2011 का अवतरण
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राजे ने अपनी रखवाली की; |
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