"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-ऊ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "जीरा" to "ज़ीरा") |
No edit summary |
||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
| | | | ||
अर्थ - बिना किसी चिन्ता के रहना। | अर्थ - बिना किसी चिन्ता के रहना। | ||
|- | |||
|9- ऊँचे-नीचे पैर पड़ना। | |||
| | |||
अर्थ - बुराई में पड़ जाना। | |||
|- | |||
|10- ऊँट का सुई की नोंक से निकलना। | |||
| | |||
अर्थ - किसी की इच्छाओं का तुरंत पालन करना। | |||
|- | |- | ||
|} | |} |
12:59, 14 मई 2010 का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
---|---|
1- ऊधौ का देना ना माधौ का लेना। |
अर्थ - किसी का भी कर्जदार ना होना। |
2- ऊंट के मुंह में ज़ीरा होना। |
अर्थ - आवश्यकता से बहुत कम होना। |
3- ऊँची दुकान फीका पकवान। |
अर्थ - जहाँ बाहरी दिखावा अधिक हो और गुणकर्म बहुत ही कम हो। |
4- ऊँट किस करवट बैठता है। |
अर्थ - निर्णय किसके पक्ष में होता है। |
5- ऊँट की चोरी झुके-झुके। |
अर्थ - कोई भी बड़ा काम चोरी- छिपे नहीं किया जा सकता। |
6- ऊँट के गले में बिल्ली। |
अर्थ - विपरीत वस्तुओं का मेल होना। |
7- ऊँट के मुँह में ज़ीरा। |
अर्थ - खाने को बहुत कम मात्रा में प्राप्त होना। |
8- ऊधो का लेना न माधो का देना। |
अर्थ - बिना किसी चिन्ता के रहना। |
9- ऊँचे-नीचे पैर पड़ना। |
अर्थ - बुराई में पड़ जाना। |
10- ऊँट का सुई की नोंक से निकलना। |
अर्थ - किसी की इच्छाओं का तुरंत पालन करना। |