"छाप तिलक सब छीन्हीं रे -अमीर ख़ुसरो": अवतरणों में अंतर
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बल बल जाऊँ मैं तोरे रंगरजवा, | बल बल जाऊँ मैं तोरे रंगरजवा, | ||
अपनी सी रंग दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के। | अपनी सी रंग दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के। | ||
प्रेम | प्रेम भटी का मदवा पिलाय के, | ||
मतवारी कर दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के। | मतवारी कर दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के। | ||
गोरी गोरी बहियाँ हरी हरी चूरियाँ | गोरी गोरी बहियाँ हरी हरी चूरियाँ |
12:43, 4 सितम्बर 2011 का अवतरण
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अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई, |
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