"तैत्तिरीयोपनिषद शिक्षावल्ली अनुवाक-7": अवतरणों में अंतर
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14:46, 11 सितम्बर 2011 का अवतरण
- तैत्तिरीयोपनिषद के शिक्षावल्ली का यह सातवाँ अनुवाक है।
मुख्य लेख : तैत्तिरीयोपनिषद
- इस अनुवाक में 'पांच तत्त्वों' का विविध पंक्तियों में उल्लेख किया है और उन्हें एक-दूसरे का पूरक माना है।
- लोक पंक्ति— पृथ्वी, अन्तरिक्ष, द्युलोक, दिशाएं और अवान्तर दिशाएं।
- नक्षत्र पंक्ति— अग्नि, वायु, आदित्य, चन्द्रमा और समस्त नक्षत्र।
- आधिभौतिक पंक्ति— जल, औषधियां, वनस्पतियां, आकाश और आत्मा।
- अध्यात्मिक पंक्ति— प्राण, व्यान, अपान, उदान और समान।
- इन्द्रियों की पंक्ति— चक्षु, श्रोत्र, मन, वाणी और त्वचा।
- शारीरिक पंक्ति— चर्म, मांस, नाड़ी, हड्डी और मज्जा।
- ऋषि ने बताया है कि यह सब पंक्तियों का समूह, पंक्तियों की ही पूर्ति करता है।
- सभी परस्पर एक-दूसरे की पूरक होते हुए एक सहयोगी की भांति कार्य करती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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