"शंखचूड़ (यक्ष)": अवतरणों में अंतर
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10:48, 22 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
शंखचूड़ नामक यक्ष का वध श्रीकृष्ण के द्वारा किया गया था, क्योंकि वह कुछ गोपियों का हरण करके भाग रहा था।
- जब बलराम और कृष्ण स्वच्छंद विहार कर रहे थे, तभी शंखचूड़ यक्ष कुछ गोपियों को लेकर उत्तर की ओर भागा।
- गोपियों ने शोर मचाया, तब बलराम और कृष्ण शाल वृक्ष लेकर उसके पीछे-पीछे भागे।
- उनको आता देखकर शंखचूड़ गोपियों को छोड़कर भागा।
- बलराम गोपियों की सुरक्षा के लिए वहीं पर रह गए तथा कृष्ण ने उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया।
- कृष्ण ने उसके सिर पर घूँसा मारा तो उसका सिर धड़ से अलग हो गया तथा उसके सिर में रहने वाली चूड़ामणि कृष्ण को मिल गई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय मिथक कोश |लेखक: डॉ. उषा पुरी विद्यावाचस्पति |प्रकाशक: नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 301 |
- ↑ श्रीमदभागवत, 10|34