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'''कुंथलगिरि''' [[महाराष्ट्र]] में वार्सी से 22 मील दूर प्राचीन [[जैन धर्म]] का तीर्थ स्थल है।  
'''कुंथलगिरि''' [[महाराष्ट्र]] में वार्सी से 22 मील दूर प्राचीन [[जैन धर्म]] का तीर्थ स्थल है।  
जैनग्रंथ निर्वाण-कांड में निम्न गाथा है-  
जैनग्रंथ निर्वाण-कांड में निम्न गाथा है-  
<blockquote>'वंसस्थ लवणणियरे पच्छिम भायंभि कुंथुगिरिसिहरे। कुलदेश भूषण मुणीणिब्बाणगयाणमो तेसि।'</blockquote>  
<blockquote>'वंसस्थ लवणणियरे पच्छिम भायंभि कुंथुगिरिसिहरे। कुलदेश भूषण मुणीणिब्बाणगयाणमो तेसि।'</blockquote>  
*कुंथलगिरि की पहाड़ी पर मूलनायक का विशाल मंदिर है। जिसमें आदिनाथ की प्राचीन प्रतिमा प्रतिष्ठित है।  
*कुंथलगिरि की पहाड़ी पर मूलनायक का विशाल मंदिर है। जिसमें आदिनाथ की प्राचीन प्रतिमा प्रतिष्ठित है।  
 




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[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
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10:49, 30 अक्टूबर 2011 का अवतरण

कुंथलगिरि महाराष्ट्र में वार्सी से 22 मील दूर प्राचीन जैन धर्म का तीर्थ स्थल है। जैनग्रंथ निर्वाण-कांड में निम्न गाथा है-

'वंसस्थ लवणणियरे पच्छिम भायंभि कुंथुगिरिसिहरे। कुलदेश भूषण मुणीणिब्बाणगयाणमो तेसि।'

  • कुंथलगिरि की पहाड़ी पर मूलनायक का विशाल मंदिर है। जिसमें आदिनाथ की प्राचीन प्रतिमा प्रतिष्ठित है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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