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शरीर सीमित मात्रा में ही ग्लूकोज़ चाहता है, जब हम आवश्यकता से अधिक ग्लूकोज़ और [[वसा]] लेते है तो इंसुलिन इसे नियंत्रण करता है, पर धीरे-धीरे हमारे इंसुलिन की कार्य क्षमता घटती जाती है और भोजन में ग्लूकोज़ और वसा की मात्रा बढ़ती जाती है। असंतुलन को दूर करने के लिए शरीर अग्न्याशय को अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाने का आदेश देता है।


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09:25, 4 नवम्बर 2011 का अवतरण

इंसुलिन हमारे शरीर में बनने वाला एक प्राकृतिक हॉर्मोन होता है जिसे अग्न्याशय बनाता है। इसका मुख्य कार्य हमारी कोशिकाओं में ग्लूकोज़ पहुँचाना एवं इसकी मात्रा को संतुलित रखना होता है। यह ग्लूकोज़ हमारी कोशिकाओं में पहुँचकर वसा बन जाता है और वहाँ सुरक्षित रहता है। यह वसा ऊर्जा बनाने में प्रयोग आता है। जब भी भोजन किया जाता है, अग्न्याशय सटीक मात्रा में इंसुलिन का स्रवण करता है।

इंसुलिन का कार्य

शरीर सीमित मात्रा में ही ग्लूकोज़ चाहता है, जब हम आवश्यकता से अधिक ग्लूकोज़ और वसा लेते है तो इंसुलिन इसे नियंत्रण करता है, पर धीरे-धीरे हमारे इंसुलिन की कार्य क्षमता घटती जाती है और भोजन में ग्लूकोज़ और वसा की मात्रा बढ़ती जाती है। असंतुलन को दूर करने के लिए शरीर अग्न्याशय को अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाने का आदेश देता है।


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