"ख़ून की होली जो खेली -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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युवकजनों की है जान ; | युवकजनों की है जान; | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
पाया है लोगों में मान, | पाया है लोगों में मान, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
रँग गये जैसे पलाश; | रँग गये जैसे पलाश; | ||
कुसुम किंशुक के, सुहाए, | कुसुम किंशुक के, सुहाए, | ||
कोकनद के पाए प्राण, | कोकनद के पाए प्राण, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
निकले क्या कोंपल लाल, | निकले क्या कोंपल लाल, | ||
फाग की आग लगी है, | फाग की आग लगी है, | ||
फागुन की टेढ़ी तान, | फागुन की टेढ़ी तान, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
खुल गई गीतों की रात, | खुल गई गीतों की रात, | ||
किरन उतरी है प्रात की ;- | किरन उतरी है प्रात: की;- | ||
हाथ कुसुम-वरदान, | हाथ कुसुम-वरदान, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
आई सुवेश बहार, | आई सुवेश बहार, | ||
आम-लीची की मंजरी; | आम-लीची की मंजरी; | ||
कटहल की अरघान, | कटहल की अरघान, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
विकच हुए कचनार, | विकच हुए कचनार, | ||
हार पड़े अमलतास के ; | हार पड़े अमलतास के; | ||
पाटल-होठों मुसकान, | पाटल-होठों मुसकान, | ||
ख़ून की होली जो | ख़ून की होली जो खेली। | ||
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08:09, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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युवकजनों की है जान; |
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