"गहन है यह अंधकार -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर
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गहन है यह अंधकार; | गहन है यह अंधकार; | ||
स्वार्थ के अवगुंठनों से | स्वार्थ के अवगुंठनों से, | ||
हुआ है लुंठन हमारा। | हुआ है लुंठन हमारा। | ||
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कल्पना का ही अपार समुद्र यह, | कल्पना का ही अपार समुद्र यह, | ||
गरजता है घेरकर तनु, रुद्र यह, | गरजता है घेरकर तनु, रुद्र यह, | ||
कुछ नही आता समझ में | कुछ नही आता समझ में, | ||
कहाँ है श्यामल किनारा। | कहाँ है श्यामल किनारा। | ||
08:58, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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गहन है यह अंधकार; |
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