"चलते समय -सुभद्रा कुमारी चौहान": अवतरणों में अंतर

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तुम मुझे पूछते हो ’जाऊँ’?
तुम मुझे पूछते हो ’जाऊँ’?
मैं क्या जवाब दूँ, तुम्हीं कहो!
मैं क्या जवाब दूँ, तुम्हीं कहो!
’जा...’ कहते रुकती है जबान
’जा...’ कहते रुकती है जबान,
किस मुँह से तुमसे कहूँ ’रहो’!!
किस मुँह से तुमसे कहूँ ’रहो’!!


सेवा करना था जहाँ मुझे
सेवा करना था, जहाँ मुझे
कुछ भक्ति-भाव दरसाना था।
कुछ भक्ति-भाव दरसाना था।
उन कृपा-कटाक्षों का बदला
उन कृपा-कटाक्षों का बदला,
बलि होकर जहाँ चुकाना था॥
बलि होकर जहाँ चुकाना था॥



09:38, 24 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

चलते समय -सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
कवि सुभद्रा कुमारी चौहान
जन्म 16 अगस्त, 1904
जन्म स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 15 फरवरी, 1948
मुख्य रचनाएँ 'मुकुल', 'झाँसी की रानी', बिखरे मोती आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ

तुम मुझे पूछते हो ’जाऊँ’?
मैं क्या जवाब दूँ, तुम्हीं कहो!
’जा...’ कहते रुकती है जबान,
किस मुँह से तुमसे कहूँ ’रहो’!!

सेवा करना था, जहाँ मुझे
कुछ भक्ति-भाव दरसाना था।
उन कृपा-कटाक्षों का बदला,
बलि होकर जहाँ चुकाना था॥

मैं सदा रूठती ही आई,
प्रिय! तुम्हें न मैंने पहचाना।
वह मान बाण-सा चुभता है,
अब देख तुम्हारा यह जाना॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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