"घर -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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पंक्ति 51: | पंक्ति 51: | ||
रखता हुआ | रखता हुआ | ||
पता नही कैसी गंध थी | पता नही कैसी गंध थी | ||
उस | उस मिट्टी में | ||
कि उसे आकार लेना था | कि उसे आकार लेना था | ||
प्राचीन सपने का | प्राचीन सपने का | ||
पंक्ति 62: | पंक्ति 62: | ||
वह स्त्री आसमान उलीच लेती | वह स्त्री आसमान उलीच लेती | ||
अगर उसके लिए | अगर उसके लिए | ||
एक छत न तानता उसका | एक छत न तानता उसका मर्द | ||
वह स्त्री डूबकर बह | वह स्त्री डूबकर बह गई होती | ||
दर्द की उस लहकती हुई नदी में | दर्द की उस लहकती हुई नदी में | ||
अगर उस दीवार में | अगर उस दीवार में | ||
पंक्ति 75: | पंक्ति 75: | ||
वह निकल गया होता | वह निकल गया होता | ||
बारिष में भीगता हुआ | बारिष में भीगता हुआ | ||
किसी बीहड़ की | किसी बीहड़ की और | ||
अगर उसे ढक न लेती वह स्त्री | अगर उसे ढक न लेती वह स्त्री | ||
एक छत की तरह़ | एक छत की तरह़ |
09:23, 2 जनवरी 2012 का अवतरण
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