"गांधारी से संवाद (2) -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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तुमने तो की थी प्रतिज्ञा | |||
कि लड़ोगे तुम | कि लड़ोगे तुम | ||
अन्तिम कारण तक | अन्तिम कारण तक | ||
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पर तुम्हीं ने बांध ली | पर तुम्हीं ने बांध ली | ||
आंखों पर | आंखों पर पट्टी | ||
और चुन लिया अपने लिए अंधेरा | और चुन लिया अपने लिए अंधेरा | ||
ताकि देखना न पड़े | ताकि देखना न पड़े | ||
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सदियों से खड़ी है गांधारी | सदियों से खड़ी है गांधारी | ||
जिसकी आंखों पर | जिसकी आंखों पर पट्टी | ||
हाथ में तराजू है | हाथ में तराजू है | ||
और तोलने को कुछ भी नहीं | और तोलने को कुछ भी नहीं | ||
संविधान की आड़ी तिरछी रेखाओं ने | संविधान की आड़ी तिरछी रेखाओं ने | ||
जिसे | जिसे ऊँची कुर्सी पर टॉंग रखा है | ||
उसके एक हाथ में | उसके एक हाथ में | ||
मरी हुई परिभाषाओं से भरी | मरी हुई परिभाषाओं से भरी |
09:50, 2 जनवरी 2012 का अवतरण
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