"गांधारी से संवाद (2) -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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पंक्ति 70: | पंक्ति 70: | ||
न्याय और जीवन के लिए | न्याय और जीवन के लिए | ||
लड़ते आदमी का चेहरा देखना | लड़ते आदमी का चेहरा देखना | ||
सचमुच | सचमुच मुश्किल होता है | ||
तब और भी ज्यादा | तब और भी ज्यादा | ||
जब तुम अन्धेरे में हो | जब तुम अन्धेरे में हो | ||
पंक्ति 92: | पंक्ति 92: | ||
काले कव्वे से नहीं डरता है झूठ | काले कव्वे से नहीं डरता है झूठ | ||
काले कव्वे की | काले कव्वे की शह पर | ||
इतराता है, गुर्राता है | इतराता है, गुर्राता है | ||
कानून की किसी उपधारा को | कानून की किसी उपधारा को | ||
पंक्ति 141: | पंक्ति 141: | ||
महज़ डुगडुगी बजाता मदारी है़ | महज़ डुगडुगी बजाता मदारी है़ | ||
जिन्दा आदमी के जले | जिन्दा आदमी के जले गोश्त की | ||
गन्ध से घबराई ज़ाहिरा | गन्ध से घबराई ज़ाहिरा | ||
एक और बुर्का ओढ़ लेती है झूठ का | एक और बुर्का ओढ़ लेती है झूठ का | ||
पंक्ति 155: | पंक्ति 155: | ||
उसे दफन किया गया है फाईलों में जिन्दा़ | उसे दफन किया गया है फाईलों में जिन्दा़ | ||
गांधारी के | गांधारी के शब्दकोश में आदमी | ||
न जिंदा है न मरा है | न जिंदा है न मरा है | ||
अदालत का एक कटघरा है | अदालत का एक कटघरा है |
13:42, 2 जनवरी 2012 का अवतरण
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