गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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{{सूचना बक्सा मन्दिर | |||
|चित्र=Shivrinarayan-Temple.jpg | |||
|चित्र का नाम=शिवरीनारायण मन्दिर, छत्तीसगढ़ | |||
|वर्णन=[[महानदी]], [[जोंक नदी]] एवं [[शिवनाथ नदी]] के त्रिवेणी संगम स्थल पर स्थित है जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र रहा है। | |||
|स्थान=[[छत्तीसगढ़]] | |||
|निर्माता=[[हैहय वंश]] | |||
|जीर्णोद्धारक= | |||
|निर्माण काल=11वीं शताब्दी | |||
|देवी-देवता= | |||
|वास्तुकला=वैष्णव शैली | |||
|भौगोलिक स्थिति= | |||
|संबंधित लेख= | |||
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|अन्य जानकारी=मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में पहले भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित कराई गयी थी परंतु बाद में उस प्रतिमा को [[जगन्नाथ पुरी]] में ले जाया गया था। | |||
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'''शिवरीनारायण मन्दिर''' [[छत्तीसगढ़]] के [[जंजगीर-चम्पा ज़िला|जंजगीर-चंपा ज़िले]] में स्थित प्रमुख मन्दिरों में से एक है। | '''शिवरीनारायण मन्दिर''' [[छत्तीसगढ़]] के [[जंजगीर-चम्पा ज़िला|जंजगीर-चंपा ज़िले]] में स्थित प्रमुख मन्दिरों में से एक है। | ||
*शिवरीनारायण मन्दिर को लक्ष्मीनारायण मन्दिर और शिवनारायण मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। | *शिवरीनारायण मन्दिर को लक्ष्मीनारायण मन्दिर और शिवनारायण मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। | ||
*शिवरीनारायण मन्दिर का निर्माण [[हैहय वंश]] के शासकों ने 11वीं शताब्दी में कराया था। [[हिन्दू]] कथाओं के अनुसार शिवनारायण मन्दिर के पास ही शबरी आश्रम है। | |||
*शिवरीनारायण मन्दिर का निर्माण वैष्णव शैली में बड़ी ख़ूबसूरती के साथ किया गया है। | *शिवरीनारायण मन्दिर का निर्माण वैष्णव शैली में बड़ी ख़ूबसूरती के साथ किया गया है। | ||
*[[महानदी]], [[जोंक नदी]] एवं [[शिवनाथ नदी]] के त्रिवेणी संगम स्थल पर स्थित है जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र रहा है। | *[[महानदी]], [[जोंक नदी]] एवं [[शिवनाथ नदी]] के त्रिवेणी संगम स्थल पर स्थित है जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र रहा है। | ||
*मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में पहले भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित कराई गयी थी परंतु बाद में उस प्रतिमा को [[जगन्नाथ पुरी]] में ले जाया गया था। | *मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में पहले भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित कराई गयी थी परंतु बाद में उस प्रतिमा को [[जगन्नाथ पुरी]] में ले जाया गया था। |
05:56, 15 जनवरी 2012 का अवतरण
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वर्णन | महानदी, जोंक नदी एवं शिवनाथ नदी के त्रिवेणी संगम स्थल पर स्थित है जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र रहा है। |
स्थान | छत्तीसगढ़ |
निर्माता | हैहय वंश |
निर्माण काल | 11वीं शताब्दी |
वास्तुकला | वैष्णव शैली |
अन्य जानकारी | मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में पहले भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित कराई गयी थी परंतु बाद में उस प्रतिमा को जगन्नाथ पुरी में ले जाया गया था। |
शिवरीनारायण मन्दिर छत्तीसगढ़ के जंजगीर-चंपा ज़िले में स्थित प्रमुख मन्दिरों में से एक है।
- शिवरीनारायण मन्दिर को लक्ष्मीनारायण मन्दिर और शिवनारायण मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है।
- शिवरीनारायण मन्दिर का निर्माण हैहय वंश के शासकों ने 11वीं शताब्दी में कराया था। हिन्दू कथाओं के अनुसार शिवनारायण मन्दिर के पास ही शबरी आश्रम है।
- शिवरीनारायण मन्दिर का निर्माण वैष्णव शैली में बड़ी ख़ूबसूरती के साथ किया गया है।
- महानदी, जोंक नदी एवं शिवनाथ नदी के त्रिवेणी संगम स्थल पर स्थित है जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र रहा है।
- मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में पहले भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित कराई गयी थी परंतु बाद में उस प्रतिमा को जगन्नाथ पुरी में ले जाया गया था।
- माघ पूर्णिमा के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख