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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | |||
{{कला सामान्य ज्ञान नोट}} | |||
{{कला सामान्य ज्ञान}} | |||
{| class="bharattable-green" width="100%" | |||
|- | |||
| valign="top"| | |||
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<quiz display=simple> | |||
{ [[अमजद अली ख़ाँ]] किस [[वाद्य यंत्र]] से सम्बद्ध हैं? | |||
|type="()"} | |||
- [[तबला]] | |||
+ [[सरोद]] | |||
- [[सितार]] | |||
- वायलिन | |||
||[[चित्र:Amjad-ali-khan.jpg|right|80px|अमजद अली ख़ाँ]] अमजद अली ख़ाँ (जन्म- [[9 अक्तूबर]] 1945, [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]]), एक प्रसिद्ध [[सरोद]] वादक हैं, जो अपनी वंशावली को सेनिया घराने से जोड़ते हैं और जिन्हें [[भारत]] का अग्रणी शास्त्रीय संगीतकार माना जाता है।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[अमजद अली ख़ाँ]] | |||
{ विलायत ख़ान किस वाद्ययंत्र से सम्बन्ध रखते हैं? | |||
|type="()"} | |||
- [[सरोद]] | |||
+ [[सितार]] | |||
- [[शहनाई]] | |||
- [[वीणा]] | |||
||[[चित्र:Sitar.jpg|80px|सितार|right]]सितार परंपरिक वाद्य होने के साथ ही सबसे अधिक लोकप्रिय है, और सितार ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसने पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम लोकप्रिय किया। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[सितार]] | |||
{ नीरू स्वामी पिल्लई किस वाद्ययंत्र से सम्बन्धित हैं? | |||
|type="()"} | |||
- वायलिन से | |||
- [[वीणा]] से | |||
+ नादस्वरम् से | |||
- [[तबला]] से | |||
{ 'एस. बालचन्द्रन' किस वाद्ययंत्र से सम्बन्धित हैं? | |||
|type="()"} | |||
- [[सितार]] से | |||
- [[संतूर]] से | |||
+ [[वीणा]] से | |||
- [[सारंगी]] से | |||
{ '[[हरिप्रसाद चौरसिया]]' ने किस क्षेत्र में प्रसिद्धि अर्जित की है? | |||
|type="()"} | |||
- गिराट वादन | |||
- [[पखावज]] वादन | |||
+ [[बाँसुरी]] वादन | |||
- [[मृदंग]] वादन | |||
||[[चित्र:Bansuri.jpg|80px|right|बाँसुरी]] बाँसुरी की बजाने की तकनीक कलाएं समृद्ध ही नहीं, उस की किस्में भी विविधतापूर्ण हैं, जैसे मोटी लम्बी बांसुरी, पतली नाटी बांसुरी, सात छेदों वाली बांसुरी और ग्यारह छेदों वाली बांसुरी आदि देखने को मिलते हैं और उस की बजाने की शैली भी भिन्न रूपों में पायी जाती है। बाँसुरी, वंसी, वेणु, वंशिका आदि कई सुंदर नामो से सुसज्जित है। {{point}}विस्तार से पढ़ें:-[[बाँसुरी]] | |||
{'[[ध्रुपद]]' में किस ताल का प्रयोग होता है? | |||
|type="()"} | |||
-दादरा | |||
-रूपक | |||
-कहरवा | |||
+चारताल | |||
{निम्नलिखित में कौन-सा असत्य है? | |||
|type="()"} | |||
-[[ध्रुपद]] को मर्दाना गीत कहा जाता है। | |||
+ध्रुपद की रचना सर्वप्रथम [[तानसेन]] ने की थी। | |||
-बड़े ख्याल के आविष्कारक सुल्तान हुसैन शर्की थे। | |||
-'ख़याल' [[फ़ारसी भाषा]] से लिया गया है। | |||
{प्राचीन काल में [[ध्रुपद]] गाने वाले को क्या कहा जाता था? | |||
|type="()"} | |||
-गायक | |||
-ध्रुपदविद् | |||
+कलावंत | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{'विलम्बित ख़्याल' में प्रयोग न होने वाला ताल है? | |||
|type="()"} | |||
+रूपक | |||
-तिलवाड़ा | |||
-एकताल | |||
-झूमरा | |||
{'[[धमार]]' गायक शैली में किस भाषा का मुख्यतः प्रयोग किया जाता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[अवधी भाषा]] | |||
-[[मैथिली भाषा]] | |||
-[[फ़ारसी भाषा]] | |||
+[[ब्रज भाषा]] | |||
||[[चित्र:Raskhan-2.jpg|रसखान के दोहे|100px|right]] ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक [[भारत]] में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी [[मथुरा]], [[आगरा]], [[धौलपुर]], [[अलीगढ़]] ज़िलों में बोली जाती है।{{point}} अधिक जानकारी देखें:-[[ब्रज भाषा]] | |||
{'धमार ताल' कितनी मात्रा का होता है? | |||
|type="()"} | |||
-10मात्रा | |||
-12मात्रा | |||
+14मात्रा | |||
-18 मात्रा | |||
{'ठुमरी' गायन शैली में प्रयुक्त [[राग]] है? | |||
|type="()"} | |||
-राग खमाज | |||
-राग भैरवी | |||
-राग देश | |||
+ये सभी | |||
{निम्नलिखित में से कौन ठुमरी गायक/गायिका नहीं है? | |||
|type="()"} | |||
-बेगम अख्तर | |||
-गिरजा देवी | |||
-[[बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ]] | |||
+[[बिरजू महाराज]] | |||
||[[चित्र:Birju-Maharaj-2.jpg|बिरजू महाराज|100px|right]] बिरजू महाराज का पूरा नाम बृज मोहन मिश्रा है। बिरजू महाराज [[नृत्य कला|भारतीय नृत्य]] की '[[कथक नृत्य|कथक]]' शैली के आचार्य और [[लखनऊ]] के कालका–बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि हैं। अपनी परिशुद्ध ताल और भावपूर्ण अभिनय के लिये प्रसिद्ध बिरजू महाराज ने एक ऐसी शैली विकसित की है, जो उनके दोनों चाचाओं और पिता से संबंधित तत्वों को सम्मिश्रित करती है।{{point}} अधिक जानकारी देखें:-[[बिरजू महाराज]] | |||
{'दादरा' गायन शैली में किस गायन शैली की छाया दृष्टिगोचर होती है? | |||
|type="()"} | |||
-टप्पा | |||
-[[धमार]] | |||
+ठुमरी | |||
-ख़याल | |||
{'मार्गी संगीत' का अभिप्राय है? | |||
|type="()"} | |||
+मोक्ष प्राप्त करने से | |||
-जनरंजन से | |||
-[[संगीत]] के प्रचार से | |||
-संगीतज्ञों की जीवनी से। | |||
</quiz> | |||
|} | |||
|} | |||
{{कला सामान्य ज्ञान}} | |||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | |||
[[Category:सामान्य ज्ञान]] | |||
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]] | |||
[[Category:कला सामान्य ज्ञान]] | |||
[[Category:कला कोश]] | |||
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11:10, 25 जनवरी 2012 का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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