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-[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] | ||
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] | ||
||'रायपुर' व्यापार और वाणिज्य का सक्रिय केंद्र है। यहाँ [[चावल]], दलहन और तिलहन की मिलें काफ़ी संख्या में हैं। अन्य उद्योगों में हथकरघे पर सूती वस्त्रों की बुनाई, फ़र्नीचर निर्माण, हार्डवेयर, ट्रांजिस्टर के कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, बीड़ी निर्माण, प्लास्टिक की थैलियाँ लकड़ी की चिराई व तख्ते, छापाख़ाने व [[एल्युमिनियम]] और पीतल व कांसे की वस्तुओं का निर्माण शामिल हैं। रायपुर खाद्य-प्रसंस्करण, [[चावल]], [[गेहूँ]], [[कपास]] और तिलहन की आरा मिलों का केंद्र है। यह भी उल्लेखनीय है कि [[छत्तीसगढ़]] राज्य का पहला दैनिक समाचार पत्र 'महाकौशल' रायपुर से ही प्रकाशित हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]] | ||[[चित्र:Raipur-District-Map.jpg|right|90px|रायपुर का मानचित्र]]'रायपुर' व्यापार और वाणिज्य का सक्रिय केंद्र है। यहाँ [[चावल]], दलहन और तिलहन की मिलें काफ़ी संख्या में हैं। अन्य उद्योगों में हथकरघे पर सूती वस्त्रों की बुनाई, फ़र्नीचर निर्माण, हार्डवेयर, ट्रांजिस्टर के कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, बीड़ी निर्माण, प्लास्टिक की थैलियाँ लकड़ी की चिराई व तख्ते, छापाख़ाने व [[एल्युमिनियम]] और पीतल व कांसे की वस्तुओं का निर्माण शामिल हैं। रायपुर खाद्य-प्रसंस्करण, [[चावल]], [[गेहूँ]], [[कपास]] और तिलहन की आरा मिलों का केंद्र है। यह भी उल्लेखनीय है कि [[छत्तीसगढ़]] राज्य का पहला दैनिक समाचार पत्र 'महाकौशल' रायपुर से ही प्रकाशित हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]] | ||
{[[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के किस विधायक ने तीन अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा और विजय भी प्राप्त की? | {[[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के किस विधायक ने तीन अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा और विजय भी प्राप्त की? | ||
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{[[छत्तीसगढ़]] का स्थापना दिवस किस दिन मनाया जाता है? | |||
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-[[1 सितम्बर]] | |||
-[[1 अक्टूबर]] | |||
+[[1 नवम्बर]] | |||
-[[1 दिसम्बर]] | |||
||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|90px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] का 26वाँ राज्य है। भारत में विशेषत: दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनका नाम विशेष कारणों से धीरे-धीरे बदल गया। पहला '[[मगध]]', जो [[बौद्ध]] विहारों के कारण '[[बिहार]]' बन गया और दूसरा 'दक्षिण [[कोशल]]', जो 'छत्तीस गढ़ों' को अपने में समाहित रखने के कारण 'छत्तीसगढ़' बन गया। ये दोनों ही क्षेत्र प्राचीन काल से भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। [[मध्य प्रदेश]] से बनाया गया छत्तीसगढ़ भारतीय संघ के 26वें राज्य के रूप में [[1 नवंबर]], 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ 44 वर्ष तक मध्य प्रदेश का एक अंग रहा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य का राजकीय पशु क्या है? | |||
|type="()"} | |||
+वन भैंसा | |||
-[[भालू]] | |||
-[[हाथी]] | |||
-[[तेन्दुआ]] | |||
||[[चित्र:Hill-Myna.jpg|right|120px|पहाड़ी मैना, छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में मवेशी और पशुपालन महत्त्वपूर्ण कार्यों में से एक हैं। मवेशीयों में [[गाय]], भैंस, बकरी, भेड़, और सूअर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। राज्य में बिलासपुर स्थित बकरी व गाय के कृत्रिम प्रजनन और संकरण केंद्र इन जानवरों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने में लगे हैं। गोकुलम (अंजोरा) राज्य का एकमात्र पशु चिकित्सालय और महाविद्याल्य है, जहाँ पशुओं आदि की देखभाल और उनसे सम्बन्धित बीमारियों का इलाज किया जाता है। छत्तीसगढ़ में पेड़-पौधे और नदि-पहाड़ आदि बहुत हैं। यहाँ पर पक्षियों की भी विभिन्न क़िस्में पाई जाती हैं। [[पहाड़ी मैना]] को यहाँ का 'राजकीय पक्षी' और 'वन भैंसे' को 'राजकीय पशु' घोषित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य का राजकीय वृक्ष कौन-सा है? | |||
|type="()"} | |||
+साल | |||
-[[नीम]] | |||
-[[बरगद]] | |||
-[[पीपल]] | |||
||[[छत्तीसगढ़]] उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी [[झारखण्ड]] और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा हुआ है। छत्तीसगढ़ का भू-भाग सम्पूर्ण [[भारत]] के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकर छत्तीसगढ़ राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का 9वाँ बड़ा राज्य है। जनसंख्या की दृष्टि से इस राज्य का 17वाँ स्थान है। [[पहाड़ी मैना]] को यहाँ का 'राजकीय पक्षी' और 'वन भैंसे' को 'राजकीय पशु' घोषित किया गया है। इसके साथ ही साथ 'साल वृक्ष', जिसे छत्तीसगढ़ में 'सराई' कहा जाता है, को 'राजकीय वृक्ष' घोषित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | |||
{'[[भोरमदेव मंदिर]]' किस राजवंश के राजा द्वारा बनवाया गया था? | |||
|type="()"} | |||
+नागवंश | |||
-[[पाण्ड्य राजवंश]] | |||
-[[कलचुरी वंश]] | |||
-[[कदम्ब वंश]] | |||
||[[चित्र:Bhoramdev-Temple.jpg|right|120px|भोरमदेव मंदिर, छत्तीसगढ़]]'भोरमदेव मंदिर' एक बहुत ही पुराना [[हिन्दू]] मंदिर है, जो भगवान [[शिव]] को समर्पित है। यह [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[कवर्धा ज़िला|कवर्धा ज़िले]] में स्थित है। [[भोरमदेव मंदिर]] कृत्रिमतापूर्वक [[पर्वत]] श्रृंखला के बीच स्थित है। यह लगभग 7 से 11वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था। भोरमदेव मंदिर नाग राजवंश के राजा 'रामचन्द्र' द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में [[खजुराहो]] मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इसे 'छत्तीसगढ़ का खजुराहो' भी कहा जाता है। मंदिर पर [[नृत्य]] की आकर्षक भाव भंगिमाओं के साथ-साथ [[हाथी]], घोड़े, भगवान [[गणेश]] एवं [[नटराज]] की मुर्तियाँ [[चंदेल वंश|चंदेल]] शैली में उकेरी गयी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोरमदेव मंदिर]] | |||
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11:06, 15 फ़रवरी 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान
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