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*[[पश्चिम बंगाल]] के शहर [[कोलकाता]] का यह एक [[कोलकाता पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है।
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*कोलकाता के कालीघाट में देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर है।  
*कोलकाता के कालीघाट में देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर है।  
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*उनकी जीभ निकली हुई है।  
*उनकी जीभ निकली हुई है।  
*उनके जीभ से रक्‍त की कुछ बूंदें भी टपक रही है।
*उनके जीभ से रक्‍त की कुछ बूंदें भी टपक रही है।
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==अनुश्रुतियों के अनुसार==
==अनुश्रुतियों के अनुसार==
*इस मूर्त्ति के पीछे कुछ अनुश्रुतियाँ भी प्रचलित है। इस अनुश्रुति के अनुसार देवी किसी बात पर गुस्‍सा हो गई थीं। इसके बाद उन्‍होंने नरसंहार करना शुरू कर दिया। उनके मार्ग में जो भी आता‍ वह मारा जाता। उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव उनके रास्‍ते में लेट गए। देवी ने गुस्‍से में उनकी छाती पर भी पैर रख दिया। इसी समय उन्‍होंने भगवान शिव को पहचान लिया। इसके बाद ही उनका गुस्‍सा शांत हुआ और उन्‍होंने नरसंहार बंद किया।  
*इस मूर्त्ति के पीछे कुछ अनुश्रुतियाँ भी प्रचलित है। इस अनुश्रुति के अनुसार देवी किसी बात पर गुस्‍सा हो गई थीं। इसके बाद उन्‍होंने नरसंहार करना शुरू कर दिया। उनके मार्ग में जो भी आता‍ वह मारा जाता। उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव उनके रास्‍ते में लेट गए। देवी ने गुस्‍से में उनकी छाती पर भी पैर रख दिया। इसी समय उन्‍होंने भगवान शिव को पहचान लिया। इसके बाद ही उनका गुस्‍सा शांत हुआ और उन्‍होंने नरसंहार बंद किया।  
*एक अन्‍य अनुश्रुति के अनुसार [[भारत]] में कुल 51 शक्‍ितपीठ हैं। उन्‍हीं में से एक कालीघाट है। इस अनुश्रुति के अनुसार इसी स्‍थान पर सती के पैर का अँगुठा गिरा था। कोलकाता आने वाले पर्यटक को कालीघाट का मंदिर जरुर घूमना चाहिए।
*एक अन्‍य अनुश्रुति के अनुसार [[भारत]] में कुल 51 शक्तिपीठ हैं। उन्‍हीं में से एक कालीघाट है। इस अनुश्रुति के अनुसार इसी स्‍थान पर सती के पैर का अँगुठा गिरा था। कोलकाता आने वाले पर्यटक को कालीघाट का मंदिर जरुर घूमना चाहिए।


==संबंधित लेख==
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12:12, 26 फ़रवरी 2012 का अवतरण

कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता
  • पश्चिम बंगाल के शहर कोलकाता का यह एक पर्यटन स्थल है।
  • कोलकाता के कालीघाट में देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर है।
  • काली मंदिर में देवी काली के प्रचंड रूप की प्रतिमा स्‍थापित है।
  • इस प्रतिमा में देवी काली भगवान शिव के छाती पर पैर रखी हुई हैं।
  • उनके गले में नरमुण्‍डों की माला है।
  • उनके हाथ में कुल्‍हाड़ी तथा कुछ नरमुण्‍ड है।
  • उनके कमर में भी कुछ नरमुण्‍ड बंधा हुआ है।
  • उनकी जीभ निकली हुई है।
  • उनके जीभ से रक्‍त की कुछ बूंदें भी टपक रही है।
कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता

अनुश्रुतियों के अनुसार

  • इस मूर्त्ति के पीछे कुछ अनुश्रुतियाँ भी प्रचलित है। इस अनुश्रुति के अनुसार देवी किसी बात पर गुस्‍सा हो गई थीं। इसके बाद उन्‍होंने नरसंहार करना शुरू कर दिया। उनके मार्ग में जो भी आता‍ वह मारा जाता। उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव उनके रास्‍ते में लेट गए। देवी ने गुस्‍से में उनकी छाती पर भी पैर रख दिया। इसी समय उन्‍होंने भगवान शिव को पहचान लिया। इसके बाद ही उनका गुस्‍सा शांत हुआ और उन्‍होंने नरसंहार बंद किया।
  • एक अन्‍य अनुश्रुति के अनुसार भारत में कुल 51 शक्तिपीठ हैं। उन्‍हीं में से एक कालीघाट है। इस अनुश्रुति के अनुसार इसी स्‍थान पर सती के पैर का अँगुठा गिरा था। कोलकाता आने वाले पर्यटक को कालीघाट का मंदिर जरुर घूमना चाहिए।

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