"जम्मू": अवतरणों में अंतर
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जम्मू 305 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और जम्मू प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। | जम्मू 305 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और जम्मू प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
एक समय डोगरा राजपूत वंश की राजधानी जम्मू 19वीं शताब्दी में [[रणजीत सिंह]] के राज्य का हिस्सा बन गया। जम्मू की स्थापना राजा जम्बू लोचन ने की थी। माना जाता है कि राजा एक बार शिकार करने यहाँ आए थे। उन्होंने एक सरोवर पर एक शेर और बकरी को पानी पीते हुए एक साथ देखा। राजा ने तभी, उसी स्थान पर शहर का निर्माण करवाने का फैसला कर लिया। उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि शक्तिशाली व कमज़ोर दोनों ही शान्ति और उदारता के साथ भी रह सकते हैं। राजा ने अपने नाम पर इस जगह का नाम जम्बू रख दिया। धीरे-धीरे यह जम्बू से परिवर्तित होकर जम्मू के नाम से जाने जाना लगा। | एक समय डोगरा राजपूत वंश की राजधानी जम्मू 19वीं [[शताब्दी]] में [[रणजीत सिंह]] के राज्य का हिस्सा बन गया। जम्मू की स्थापना राजा जम्बू लोचन ने की थी। माना जाता है कि राजा एक बार शिकार करने यहाँ आए थे। उन्होंने एक सरोवर पर एक शेर और बकरी को पानी पीते हुए एक साथ देखा। राजा ने तभी, उसी स्थान पर शहर का निर्माण करवाने का फैसला कर लिया। उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि शक्तिशाली व कमज़ोर दोनों ही शान्ति और उदारता के साथ भी रह सकते हैं। राजा ने अपने नाम पर इस जगह का नाम जम्बू रख दिया। धीरे-धीरे यह जम्बू से परिवर्तित होकर जम्मू के नाम से जाने जाना लगा। | ||
ऐसा भी कहा जाता है कि रणजीत सिंह से पहले जम्मू सुकरचकिया मिसल के अधीन था लेकिन कई वर्षों से जम्मू के शासक ने 'अधीनता कर' (टैक्स) देना बंद कर दिया था। रणजीत सिंह ने जम्मू के राजा से 'अधीनता कर' देने को कहा तो उसके इंकार करने पर रणजीत सिंह ने वहाँ की जनता पर काफी अत्याचार किये। परिणाम स्वरूप जम्मू के राजा ने बिना किसी विरोध के आत्मसमर्पण कर दिया और हरजाने के रूप में बीस हजार रुपये, [[हाथी]] और जेवरात दिए। 1809 ई. में भवानीदास ने जम्मू पर आक्रमण कर उसे रणजीत सिंह के राज्य में शामिल कर लिया। जमादार खुशहाल सिंह जम्मू का पहला गवर्नर बनाया गया। 1818 ई. में जम्मू गुलाबसिंह को चार लाख रुपये 'अधीनता कर' के बदले में दे दिया। | |||
==यातायात और परिवहन== | ==यातायात और परिवहन== | ||
====वायु मार्ग==== | ====वायु मार्ग==== |
06:54, 6 अप्रैल 2012 का अवतरण
जम्मू
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विवरण | जम्मू शहर, जम्मू-कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी है। जम्मू की प्राकृतिक सुंदरता और बर्फीली पहाडियों का मनोरम दृश्य पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खीचता है। | ||
राज्य | जम्मू और कश्मीर | ||
ज़िला | जम्मू | ||
निर्माता | राजा जम्बू लोचन | ||
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 32°44′, पूर्व- 74°52′ | ||
मार्ग स्थिति | जम्मू शहर सड़क द्वारा श्रीनगर से 292 किमी, गुलमर्ग से 335 किमी, कारगिल से 1,099 किमी और दिल्ली से 620 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। | ||
कब जाएँ | अक्टूबर से अप्रॅल | ||
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। | ||
जम्मू हवाई अड्डा | |||
जम्मू तवी स्टेशन | |||
बस, जीप, टैक्सी, ऑटो रिक्शा आदि | |||
क्या देखें | जम्मू पर्यटन | ||
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | ||
क्या खायें | यख़नी, कश्मीरी पुलाव, गुश्तावा, कश्मीरी गोभी आदि | ||
एस.टी.डी. कोड | 0191 | ||
ए.टी.एम | लगभग सभी | ||
गूगल मानचित्र | |||
संबंधित लेख | अमर महल पैलेस संग्रहालय, डोगरा कला संग्रहालय आदि | भाषा | डोगरी, हिन्दी और उर्दू |
अन्य जानकारी | सर्दियों में यहाँ आप हिमपात का भी मजा ले सकते हैं। | ||
अद्यतन | 16:49, 24 सितम्बर 2011 (IST)
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जम्मू | जम्मू पर्यटन | जम्मू ज़िला |
जम्मू शहर, उत्तर भारत जम्मू-कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी है। यह श्रीनगर के दक्षिण में तवी नदी के किनारे स्थित है और इसके उत्तर में शिवालिक पर्वतश्रेणी है। अब यह रेलमार्ग से जुड़ा है और एक निर्माण केन्द्र है।
स्थिति
जम्मू 305 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और जम्मू प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
इतिहास
एक समय डोगरा राजपूत वंश की राजधानी जम्मू 19वीं शताब्दी में रणजीत सिंह के राज्य का हिस्सा बन गया। जम्मू की स्थापना राजा जम्बू लोचन ने की थी। माना जाता है कि राजा एक बार शिकार करने यहाँ आए थे। उन्होंने एक सरोवर पर एक शेर और बकरी को पानी पीते हुए एक साथ देखा। राजा ने तभी, उसी स्थान पर शहर का निर्माण करवाने का फैसला कर लिया। उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि शक्तिशाली व कमज़ोर दोनों ही शान्ति और उदारता के साथ भी रह सकते हैं। राजा ने अपने नाम पर इस जगह का नाम जम्बू रख दिया। धीरे-धीरे यह जम्बू से परिवर्तित होकर जम्मू के नाम से जाने जाना लगा।
ऐसा भी कहा जाता है कि रणजीत सिंह से पहले जम्मू सुकरचकिया मिसल के अधीन था लेकिन कई वर्षों से जम्मू के शासक ने 'अधीनता कर' (टैक्स) देना बंद कर दिया था। रणजीत सिंह ने जम्मू के राजा से 'अधीनता कर' देने को कहा तो उसके इंकार करने पर रणजीत सिंह ने वहाँ की जनता पर काफी अत्याचार किये। परिणाम स्वरूप जम्मू के राजा ने बिना किसी विरोध के आत्मसमर्पण कर दिया और हरजाने के रूप में बीस हजार रुपये, हाथी और जेवरात दिए। 1809 ई. में भवानीदास ने जम्मू पर आक्रमण कर उसे रणजीत सिंह के राज्य में शामिल कर लिया। जमादार खुशहाल सिंह जम्मू का पहला गवर्नर बनाया गया। 1818 ई. में जम्मू गुलाबसिंह को चार लाख रुपये 'अधीनता कर' के बदले में दे दिया।
यातायात और परिवहन
वायु मार्ग
जम्मू में जम्मू हवाई-अड्डा स्थित है। सभी प्रमुख एयरलाइन्स जैसे इंडियन एयरलाइंस, जेट एयरवेज आदि नियमित रूप से जम्मू के लिए उड़ानें भरती है।
रेल मार्ग
जम्मू में जम्मू तवी स्टेशन नाम से रेलवे स्टेशन बना हुआ है। यह स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
जम्मू कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, अमृतसर, अम्बाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर, शिमला आदि से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
शिक्षण संस्थान
जम्मू शहर में जम्मू विश्वविद्यालय (स्थापना 1969), कश्मीर विश्वविद्यालय और शेरे कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चरल साइंस एण्ड टेक्नोलाजी स्थित है।
कृषि और खनिज
जम्मू शहर के आसपास के क्षेत्रों में गेहूँ, चावल, मक्का और जौ की खेती होती है।
पर्यटन
जम्मू का जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। सर्दियों के समय यहाँ सैलानियों की अधिक भीड़ रहती है। जम्मू की प्राकृतिक सुंदरता और बर्फीली पहाडियों का मनोरम दृश्य अधिक संख्या में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खीचता है। जम्मू को यदि मन्दिरों का नगर कहें तो किसी भी प्रकार की विसंगति प्रतीत नहीं होगी। ख़ूबसूरत वादियों के मध्य स्थित जम्मू अमर महल के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार जम्मू शहर की जनसंख्या 3,78,431 है, और छावनी क्षेत्र की जनसंख्या 30,107 है। जम्मू ज़िले की कुल जनसंख्या 15,71,911 है। इन्हें भी देखें: जम्मू चित्रकला
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संबंधित लेख