"केते झाड़ फूंक भुतवा -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर

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==शीर्षक उदाहरण 1==
 
===केते झाड़ फूंक भुतवा पुजयाबे को / शिवदीन राम जोशी===
 
====शीर्षक उदाहरण 3====
 
=====शीर्षक उदाहरण 4=====
केते  झाड़  फूंक  भुतवा  पुजयाबे  को,  
केते  झाड़  फूंक  भुतवा  पुजयाबे  को,  
                 इधर उधर ताक- ताक बात बहु  बनाते हैं |
                 इधर उधर ताक- ताक बात बहु  बनाते हैं।
जटा लटा धारी  केते ताक़ते पराई नारी,
जटा लटा धारी  केते ताक़ते पराई नारी,
                 जुवारी  बेकार  लोग  उनके पास जाते हैं |
                 जुवारी  बेकार  लोग  उनके पास जाते हैं।
सत संगत से दूर  असंगत में चूर-चूर,
सत संगत से दूर  असंगत में चूर-चूर,
                   लगे माल हाथ कहीं यें ही वह चाहते हैं |
                   लगे माल हाथ कहीं यें ही वह चाहते हैं।
कहता शिवदीन मुख कारो घर गोपाल हूँ के,  
कहता शिवदीन मुख कारो घर गोपाल हूँ के,  
                   कपटी  असंत  दुष्ट  मोजां  उड़ाते  हैं |      
                   कपटी  असंत  दुष्ट  मोजां  उड़ाते  हैं।      
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{समकालीन कवि}}
[[Category:नया पन्ना 15 जून-2012]]
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[[Category:शिवदीन राम जोशी]]
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05:40, 15 जून 2012 के समय का अवतरण

केते झाड़ फूंक भुतवा पुजयाबे को,
                 इधर उधर ताक- ताक बात बहु बनाते हैं।
जटा लटा धारी केते ताक़ते पराई नारी,
                 जुवारी बेकार लोग उनके पास जाते हैं।
सत संगत से दूर असंगत में चूर-चूर,
                  लगे माल हाथ कहीं यें ही वह चाहते हैं।
कहता शिवदीन मुख कारो घर गोपाल हूँ के,
                  कपटी असंत दुष्ट मोजां उड़ाते हैं।

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