"झूंठ की जमात जुरी -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर

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झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
               महन्त  है  पाखंड  चन्द  टोली घुरावे हैं |
               महन्त  है  पाखंड  चन्द  टोली घुरावे हैं |
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कहता शिवदीन कलिकाल  में प्रपंच फैल्यो,
कहता शिवदीन कलिकाल  में प्रपंच फैल्यो,
             ऐसे  जो  असंत  महन्त  मोजां  उड़ावें  हैं |
             ऐसे  जो  असंत  महन्त  मोजां  उड़ावें  हैं |
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
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[[Category:नया पन्ना 15 जून-2012]]
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05:57, 15 जून 2012 का अवतरण

झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
               महन्त है पाखंड चन्द टोली घुरावे हैं |
कपट की विभूति लोगन को बांटि-बांटि,
                अकड़-अकड़ बैठे चतुर सभा में कहावें हैं |
क्रोधिन की कमाना को सफल करत व्यभिचारी,
                 असंगत उटपटांग काम अपना बनावे है |
कहता शिवदीन कलिकाल में प्रपंच फैल्यो,
             ऐसे जो असंत महन्त मोजां उड़ावें हैं |

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