"हे दयालु ले शरण में -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर
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हे दयालू ! ले शरण में, मोहे क्यों | हे दयालू ! ले शरण में, मोहे क्यों बिसारयो। | ||
जुठे बेर सबरी के, पाय काज | जुठे बेर सबरी के, पाय काज सारयो ।। हे दयालू ... | ||
द्रोपदी की रखि लाज, कोरव दल गयो भाज। | द्रोपदी की रखि लाज, कोरव दल गयो भाज। | ||
पांडवों की कर सहाय, अरजुन को | पांडवों की कर सहाय, अरजुन को उबारयो ।। हे... | ||
रक्षक हो भक्तन का, किया संग संतन का । | रक्षक हो भक्तन का, किया संग संतन का । | ||
तारन हेतु मुझको, तुम संत रूप | तारन हेतु मुझको, तुम संत रूप धारयो ।। हे... | ||
नरसी का भरा भात, विप्रन के श्रीकृष्ण नाथ । | नरसी का भरा भात, विप्रन के श्रीकृष्ण नाथ । | ||
दुष्टन को गर्व गार, रावण को | दुष्टन को गर्व गार, रावण को मारयो ।। हे दयालू .. | ||
शिवदीन हाथ जोडे, दुनियां से मुख: मोडे । | शिवदीन हाथ जोडे, दुनियां से मुख: मोडे । | ||
ध्रुव को ध्रुव लोक अमर, भक्त जानि | ध्रुव को ध्रुव लोक अमर, भक्त जानि तारयो ।। हे... | ||
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08:55, 18 जून 2012 का अवतरण
हे दयालू ! ले शरण में, मोहे क्यों बिसारयो। |
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