"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
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-[[तोरई]] | -[[तोरई]] | ||
||[[चित्र:Pumpkin.jpg|right|100px|कद्दू]]ऐसा माना जाता है कि [[कद्दू]] की उत्पत्ति [[उत्तरी अमेरिका]] में हुई थी। यह [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] के अलावा सभी [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में पाया जाता है। [[अमेरिका]] में 2000 ई. पू. इसका उपयोग [[सब्जियाँ|सब्जी]] के रूप में किया जाता था। कद्दू का वानस्पतिक नाम 'कुकरबिटा मोस्चाटा' है। इसमें मुख्य रूप से 'बीटा केरोटीन' पाया जाता है, जिससे 'विटामिन-ए' मिलता है। [[पीला रंग|पीले]] और संतरी रंग के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसका [[फूल]] [[पीला रंग|पीला]] और [[फल]] पहले [[हरा रंग|हरा]] और पकने के बाद हल्का [[लाल रंग|लाल]] व पीला हो जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कद्दू]] | ||[[चित्र:Pumpkin.jpg|right|100px|कद्दू]]ऐसा माना जाता है कि [[कद्दू]] की उत्पत्ति [[उत्तरी अमेरिका]] में हुई थी। यह [[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]] के अलावा सभी [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में पाया जाता है। [[अमेरिका]] में 2000 ई. पू. इसका उपयोग [[सब्जियाँ|सब्जी]] के रूप में किया जाता था। कद्दू का वानस्पतिक नाम 'कुकरबिटा मोस्चाटा' है। इसमें मुख्य रूप से 'बीटा केरोटीन' पाया जाता है, जिससे 'विटामिन-ए' मिलता है। [[पीला रंग|पीले]] और संतरी रंग के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसका [[फूल]] [[पीला रंग|पीला]] और [[फल]] पहले [[हरा रंग|हरा]] और पकने के बाद हल्का [[लाल रंग|लाल]] व पीला हो जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कद्दू]] | ||
{'जीन' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था? | {'जीन' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था? | ||
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+तंत्रिका कोशिका | +तंत्रिका कोशिका | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{पौधे के किस भाग से [[कॉफ़ी]] प्राप्त होती है? | |||
|type="()"} | |||
-[[पुष्प|पुष्पों]] से | |||
+बीजों से | |||
-पत्तियों से | |||
-[[फल|फलों]] से | |||
||[[चित्र:Coffee-Tree-1.jpg|right|100px|कहवा या कॉफ़ी का पेड़]]'[[कहवा]]' या 'कॉफ़ी' का पौधा [[भारत]] में 18वीं शताब्दी में [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] द्वारा लाया गया था। 1798 ई. में तैलीचेरी के निकट यह प्रयोगात्मक रूप से बोया गया था। 1830 ई. से ही कॉफ़ी को पैदा किया जाने लगा। कहवा के [[फल]] को तोड़कर दो ढंग से तैयार किया जाता है। पहले ढंग के अनुसार उसे [[धूप]] में 2 से 3 [[सप्ताह]] तक सुखाया जाता है और फिर मशीन से साफ बीज निकाले जाते हैं। इस प्रकार प्राप्त किए गए कहवा को 'चेरी' कहते हैं। दूसरे ढंग के अनुसार फलों को इकट्टा कर उसका गूदा निकाल लेते हैं। फिर बड़े-बड़े हौजों में उसे साफ कर बीज निकाले जाते हैं। इनको धूप में सूखाकर 'पार्चमेण्ट कहवा' प्राप्त किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कॉफ़ी]] | |||
{जीन कहाँ पर अवस्थित होते हैं? | {जीन कहाँ पर अवस्थित होते हैं? | ||
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+बीडल व टैटम ने | +बीडल व टैटम ने | ||
-मॉर्गन ने | -मॉर्गन ने | ||
{किस वनस्पति खाद्य में अधिकतम [[प्रोटीन]] होता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[चना]] | |||
-[[मटर]] | |||
+[[सोयाबीन]] | |||
-[[अरहर]] | |||
||[[चित्र:Soybean.jpg|right|100px|सोयाबीन]]सोयाबीन एक बहुउपयोगी 40 से 50 प्रतिशत तक तेल देने वाली द्विदल फ़सल है। सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का सर्वोतम स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 43.2% अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20% तेल की मात्रा होती है। इस कारण इस स्वास्थ्यवर्धक आहार को "प्रोटीनों का राजा" कहा जाता हैं। अपनी सुपाच्यता के कारण ही यह बालक, वृद्ध, कमज़ोर, गर्भवती और प्रसूति महिलाओ के लिए बहुत उपयोगी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सोयाबीन]] | |||
{मलेरिया बुखार पैदा करने वाले प्रोटोजोआ का नाम क्या है? | {मलेरिया बुखार पैदा करने वाले प्रोटोजोआ का नाम क्या है? | ||
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+कशेरूक रज्जू में | +कशेरूक रज्जू में | ||
-तंत्रिका कोशिका में | -तंत्रिका कोशिका में | ||
{निम्न में से कौन-सा [[फूल]] [[सूर्य]] की दिशा में गति करता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[कनेर]] | |||
+[[सूरजमुखी]] | |||
-[[कमल]] | |||
-[[गेंदा]] | |||
||[[चित्र:Sunflower-4.jpg|right|120px|सूरजमुखी का फूल]]'सूरजमुखी' का [[फूल]] देखने में बहुत आकर्षक लगता है, लेकिन यह गंधरहित होता है। इसका वैज्ञानिक नाम 'हेलियनथस एनस' है। [[सूरजमुखी]] दिनभर [[सूर्य]] के चारों ओर घूमता रहता है। जिस दिशा में सूर्य होता है, फूल भी उसी दिशा में अपना मुँह कर लेता है। सूरजमुखी के फूल सूर्यादय पर खिलते हैं, तथा सूर्यास्त के समय बन्द हो जाते हैं। इसके फूल [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]], बैंगनी और [[पीला रंग|पीले रंग]] के होते हैं। [[बैंगनी रंग]] का सूरजमुखी ख़ासकर [[बिहार]], [[उड़ीसा]], [[गुजरात]] तथा [[दक्षिणी भारत]] में पाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरजमुखी]] | |||
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06:50, 12 अगस्त 2012 का अवतरण
विज्ञान सामान्य ज्ञान
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