"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
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{'सेलुलर और मॉलीकुलर' जीव विज्ञान का केंद्र कहाँ पर स्थित है? | {'सेलुलर और मॉलीकुलर' जीव विज्ञान का केंद्र कहाँ पर स्थित है? | ||
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-[[जयपुर]] | -[[जयपुर]] | ||
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||[[चित्र:Osmania-University-Hyderabad.jpg|120px|right|उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद]]दक्षिण-पू्र्वी [[भारत]] में स्थित [[हैदराबाद]] शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। आरंभ में हैदराबाद में '[[मद्रास विश्वविद्यालय]]' से संबद्ध दो महाविद्यालय थे, लेकिन [[1918]] में यहाँ '[[उस्मानिया विश्वविद्यालय]]' की स्थापना हुई और अब यह [[भारत]] के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है। हैदराबाद में विश्वविद्यालयों की स्थापना [[1974]] में हुई। यहाँ एक कृषि विश्वविद्यालय और कई ग़ैर सरकारी संस्थान, जैसे 'अमेरिकन स्टडीज़ रिसर्च सेंटर' और 'जर्मन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओरिएंटल रिसर्च' भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैदराबाद]] | ||[[चित्र:Osmania-University-Hyderabad.jpg|120px|right|उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद]]दक्षिण-पू्र्वी [[भारत]] में स्थित [[हैदराबाद]] शहर [[आंध्र प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। आरंभ में हैदराबाद में '[[मद्रास विश्वविद्यालय]]' से संबद्ध दो महाविद्यालय थे, लेकिन [[1918]] में यहाँ '[[उस्मानिया विश्वविद्यालय]]' की स्थापना हुई और अब यह [[भारत]] के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है। हैदराबाद में विश्वविद्यालयों की स्थापना [[1974]] में हुई। यहाँ एक कृषि विश्वविद्यालय और कई ग़ैर सरकारी संस्थान, जैसे 'अमेरिकन स्टडीज़ रिसर्च सेंटर' और 'जर्मन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओरिएंटल रिसर्च' भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैदराबाद]] | ||
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-विषूचिका | -विषूचिका | ||
-आंत्र ज्वर | -आंत्र ज्वर | ||
+चेचक | +[[चेचक]] | ||
-लकवा | -लकवा | ||
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-पत्तियों से | -पत्तियों से | ||
-[[फल|फलों]] से | -[[फल|फलों]] से | ||
||[[चित्र:Coffee-Tree-1.jpg|right|100px|कहवा या कॉफ़ी का पेड़]]'[[कहवा]]' या 'कॉफ़ी' का पौधा [[भारत]] में 18वीं शताब्दी में [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] द्वारा लाया गया था। 1798 ई. में तैलीचेरी के निकट यह प्रयोगात्मक रूप से | ||[[चित्र:Coffee-Tree-1.jpg|right|100px|कहवा या कॉफ़ी का पेड़]]'[[कहवा]]' या 'कॉफ़ी' का पौधा [[भारत]] में 18वीं शताब्दी में [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] द्वारा लाया गया था। 1798 ई. में तैलीचेरी के निकट यह प्रयोगात्मक रूप से उगाया गया था। 1830 ई. से ही कॉफ़ी को पैदा किया जाने लगा। कहवा के [[फल]] को तोड़कर दो प्रकार से कॉफ़ी तैयार की जाती है। पहले प्रकार के अनुसार उसे [[धूप]] में 2 से 3 [[सप्ताह]] तक सुखाया जाता है और फिर मशीन से साफ बीज निकाले जाते हैं। इस प्रकार प्राप्त किए गए कहवा को 'चेरी' कहते हैं। दूसरे प्रकार के अनुसार फलों को इकट्टा कर उसका गूदा निकाल लेते हैं। फिर बड़े-बड़े हौजों में उसे साफ कर बीज निकाले जाते हैं। इनको धूप में सूखाकर 'पार्चमेण्ट कहवा' प्राप्त किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कॉफ़ी]] | ||
{जीन कहाँ पर अवस्थित होते हैं? | {जीन कहाँ पर अवस्थित होते हैं? | ||
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+[[सोयाबीन]] | +[[सोयाबीन]] | ||
-[[अरहर]] | -[[अरहर]] | ||
||[[चित्र:Soybean.jpg|right|100px|सोयाबीन]]सोयाबीन एक बहुउपयोगी 40 से 50 प्रतिशत तक तेल देने वाली द्विदल फ़सल है। सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का सर्वोतम स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 43.2% अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20% तेल की मात्रा होती है। इस कारण इस स्वास्थ्यवर्धक आहार को "प्रोटीनों का राजा" कहा जाता हैं। अपनी सुपाच्यता के कारण ही यह बालक, वृद्ध, कमज़ोर, गर्भवती और प्रसूति महिलाओ के लिए बहुत उपयोगी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सोयाबीन]] | ||[[चित्र:Soybean.jpg|right|100px|सोयाबीन]]सोयाबीन एक बहुउपयोगी 40 से 50 प्रतिशत तक तेल देने वाली द्विदल फ़सल है। सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे 'सुनहरे बीन' की उपाधि दी गई है। सोयाबीन [[प्रोटीन]] का सर्वोतम स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 43.2% अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20% तेल की मात्रा होती है। इस कारण इस स्वास्थ्यवर्धक आहार को "प्रोटीनों का राजा" कहा जाता हैं। अपनी सुपाच्यता के कारण ही यह बालक, वृद्ध, कमज़ोर, गर्भवती और प्रसूति महिलाओ के लिए बहुत उपयोगी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सोयाबीन]] | ||
{मलेरिया बुखार पैदा करने वाले प्रोटोजोआ का नाम क्या है? | {मलेरिया बुखार पैदा करने वाले प्रोटोजोआ का नाम क्या है? | ||
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-[[फेफड़ा]] | -[[फेफड़ा]] | ||
+[[हृदय]] | +[[हृदय]] | ||
||[[चित्र:Human-Heart.jpg|right|120px|मानव हृदय]]'हृदय' [[मानव शरीर]] का अति महत्त्वपूर्ण अंग होता है। यह शरीर में वक्ष भाग में थोड़ा बाईं ओर अधर तल की ओर स्थित होता है। यह जीवन-पर्यन्त धड़कता रहता है। एक स्वस्थ मनुष्य का [[हृदय]] लगभग 13 सेमी. लम्बा तथा 9 सेमी. चौड़ा होता है। सामान्यतः इसका आकार बन्द मुट्ठी के समान होता है। हृदय का भार लगभग 300 ग्राम, [[रंग]] गहरा [[लाल रंग|लाल]] या [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] होता है। हृदय शरीर में हृदयावरण से घिरा रहता है। इस थैली में हृदयवरणीय द्रव भरा रहता है, जो बाहरी आघातों से हृदय की रक्षा करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हृदय]] | ||[[चित्र:Human-Heart.jpg|right|120px|मानव हृदय]]'हृदय' [[मानव शरीर]] का अति महत्त्वपूर्ण अंग होता है। यह [[मानव शरीर|शरीर]] में वक्ष भाग में थोड़ा बाईं ओर अधर तल की ओर स्थित होता है। यह जीवन-पर्यन्त धड़कता रहता है। एक स्वस्थ मनुष्य का [[हृदय]] लगभग 13 सेमी. लम्बा तथा 9 सेमी. चौड़ा होता है। सामान्यतः इसका आकार बन्द मुट्ठी के समान होता है। हृदय का भार लगभग 300 ग्राम, [[रंग]] गहरा [[लाल रंग|लाल]] या [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] होता है। हृदय शरीर में हृदयावरण से घिरा रहता है। इस थैली में हृदयवरणीय द्रव भरा रहता है, जो बाहरी आघातों से हृदय की रक्षा करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हृदय]] | ||
{[[मानव शरीर]] में 'रूधिर बैंक' का कार्य कौन करता है? | {[[मानव शरीर]] में 'रूधिर बैंक' का कार्य कौन करता है? | ||
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-[[यकृत]] | -[[यकृत]] | ||
{प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण केंद्र कहाँ | {प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण केंद्र कहाँ होता है? | ||
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-प्रमस्तिष्क में | -प्रमस्तिष्क में |
10:16, 29 नवम्बर 2012 का अवतरण
विज्ञान सामान्य ज्ञान
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